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पटना के ये शिक्षक खेल-खेल में बांट रहें ज्ञान, छात्रों को विभिन्न एक्टिविटी से जोड़ कर पा रहे सम्मान

शिक्षक दिवस 2023 के अवसर पर पटना में बिहार से कुल 20 शिक्षकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जायेगा. इन शिक्षकों में पटना जिला के भी तीन शिक्षक शामिल हैं. जानिए सम्मानित होने वाले इन शिक्षकों का क्या कहना है.

Teacher Day 2023: शिक्षक वो व्यक्ति होते हैं जो बचपन से ही हमें पढ़ना लिखाना सिखाते हैं. सभी शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है. कई शिक्षक ऐसे होते हैं जिनके अनोखे तरीके से बच्चे किसी भी विषय को आसानी से समझ जाते हैं. ऐसे में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के उन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. इस बार ऐसे ही 20 शिक्षकों को राजकीय सम्मान के लिए चयनित किया गया है. इस शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को सम्मानित किया जाएगा. इनमें पटना जिला के भी तीन शिक्षक शामिल हैं जिन्हें सम्मानित किया जाएगा. इन सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने कहा कि बेहतर कार्य के लिए सम्मान मिलना अलग खुशी का एहसास कराता है. इसके साथ ही आगे और भी बेहतर प्रदर्शन के लिए मनोबल बढ़ता है.

पटना जिला के इन शिक्षकों को मिलेगा सम्मान

पटना जिले से सम्मानित होने वाले शिक्षकों में राज्यकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गर्दनीबाग की प्राचार्य डॉ पूनम सिन्हा, प्राथमिक विद्यालय, प्रखंड कॉलोनी, फुलवारीशरीफ की शिक्षिका नीतू शाही और राजकीय मूक-बाधिर बालक विद्यालय, महेंद्रू के प्राचार्य सुबीर बनर्जी शामिल हैं. सम्मान पाने वाले इन शिक्षकों ने बताया कि स्कूल में बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने और पाठ्यक्रम को आसानी से समझाने के लिए विभिन्न एक्टिविटी आयोजित की. इसके साथ ही मूक-बाधिर बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों से भी विभाग को अवगत कराया.

सम्मान मिलने से दिव्यांग बच्चों का भी बढ़ेगा मनोबल

महेंद्रू स्थित राजकीय मूक-बाधिर बालक विद्यालय की प्राचार्य सुबीर बनर्जी ने कहा कि शिक्षा विभाग की नजर हमारे विद्यालय भी पड़ी है, यह खुशी की बात है. हमारा विद्यालय समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित किया जाता है. मूक-बाधिर बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करने और उन्हें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर मैंने एक रिपोर्ट तैयार की थी. इसके साथ ही स्कूल में कम संसाधन के बावजूद बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की भी हर संभव कोशिश की. इन सब कार्यों के कारण ही मुझे यह सम्मान मिल रहा है. अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल की कमी है, जिसे दूर कर दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकती है. हर जिले में दिव्यांग बच्चों के लिए कम-से-कम एक स्पेशल स्कूल अवश्य होना चाहिए.

बच्चों के लिए हमेशा कुछ नयी एक्टिविटी आयोजित कराने से बढ़ी उपस्थिति

फुलवारीशरीफ प्रखंड कॉलोनी के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका नीतू शाही का कहना है कि स्कूल में बच्चों के लिए हर दिन उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने के लिए विभिन्न एक्टिविटी आयोजित करने से काफी फायदा हुआ है. बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ने के साथ ही उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल टॉपिक को बेहतर ढंग से समझने का अवसर मिला है. मेरी कोशिश रहती है कि स्पेशल डे पर बच्चों को खास एक्टिविटी के जरिये उन्हें पाठ्यपुस्तक पढ़ाया जाये. शिक्षा विभाग की ओर से सम्मान के लिए चयन हमारे लिए गर्व की बात है. इससे और भी शिक्षकोंं का मनोबल बढ़ेगा, जो बच्चों के लिए लाभकारी साबित होगा.

शिक्षकों की मेहनत और लग्न को मिल रहा सम्मान

गर्दनीबाग स्थित राज्यकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य डॉ पूनम सिन्हा ने कहा कि स्कूल के सभी शिक्षक अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में बेहतर कर सकें. स्कूल में विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही विभिन्न एक्टिविटी के जरिये विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए यह सम्मान मिल रहा है. इससे यह स्पष्ट है कि बेहतर करने वालों पर आला अधिकारियों की नजर होती है. ईमानदारी से मेहनत करने के बाद सम्मान मिलने से खुशी होने के साथ ही आगे और भी बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है. मैं यही कहूंगी की शिक्षक अगर पूरी मेहनत और लग्न के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, तो उसका प्रभाव विद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थी पर दिखता है.

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