बिहार में शराब की तस्करी रोकने को सीमा पर चौकसी बढ़ायी जायेगी. इसके लिए नेपाल व बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ साथ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर सख्ती की जायेगी. सीमावर्ती क्षेत्र में एंटी लिकर टॉस्क फोर्स की छापेमारी और निगरानी बढ़ायी गयी है. एडीजीपी जीएस गंगवार ने सोमवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि चेकिंग प्वाइंट अपना काम ठीक से कर रहे हैं कि नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए आला अधिकारी आकस्मिक चेकिंग करेंगे.
बिहार के एंट्री प्वाइंट पर ही शराब की खेप जब्त करने की कोशिश
एडीजीपी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय की कोशिश है कि शराब की खेप को बिहार के एंट्री प्वाइंट पर जब्त कर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाये. किसी भी तरह चकमा देकर कोई प्रवेश कर भी जाये जो एक जिले से दूसरे जिले में घुसने से पहले उस पर कार्रवाई हो जाये. साल 2022 में कुल 86464 लाेगों की गिरफ्तारी की गयी. 17 लाख 45 हजार लीटर शराब की जब्ती हुई.
पटना जिला में एंटी लिकर टॉस्क फोर्स की 215 टीमें गठित हैं
राज्य के समस्त जिलों में गंभीर अपराध के अपराधियों की गिरफ्तारी तथा मद्यनिषेध के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन प्रहार के अधीन मद्यनिषेध के लिए जिला में एंटी लिकर टॉस्क फोर्स की 215 टीमें गठित हैं. इन टीमों ने वर्ष 2022 में शराब बनाने की 21 हजार 301 भटि्ठयां ध्वस्त कीं. सात लाख 70 हजार लीटर देशी तथा नौ लाख 75 हजार लीटर विदेशी शराब की बरामदगी की गयी.
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दिसंबर में हुई 10688 गिरफ्तारियां
दिसंबर में रिकाॅर्ड 10688 गिरफ्तारियां हुईं यह वर्ष 2022 में की गयीं कुल गिरफ्तारियों के औसत से लगभग 48 प्रतिशत अधिक है. शराबबंदी कानून के उल्लंघन में गिरफ्तार होने वाले लोगों की संख्या के आधार पर मुजफ्फरपुर, बक्सर, भागलपुर, कैमूर और सारण टॉप फाइव जिले हैं. एक दिन में औसतन 7205 लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है , इनमें शराब तस्कर, सप्लायर और शराब पीने वाले लोग हैं.
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