गया. 14 जनवरी को रात 03 बजकर 02 मिनट से खरमास समाप्त होने के बाद 15 जनवरी से मकर संक्रांति के साथ विवाह मुहूर्त व अन्य सभी तरह के शुभ काम शुरू होंगे. हिंदू सनातन धर्म में सभी तरह के मांगलिक कार्य के लिए बृहस्पति ग्रह की विशेष भूमिका होती है. सूर्य के 16 दिसंबर शाम 07:14 बजे से 14 जनवरी 2023 को रात 03:02 बजे तक धनु के घर में रहने से इस अवधि के दौरान किसी तरह के शुभ कार्य नहीं हुए. 14 जनवरी 2023 को रात 03 बजकर 02 मिनट पर खरमास के समाप्त होने के साथ सभी तरह के मांगलिक व शुभ कार्य 15 जनवरी से शुरू हो सकेंगे. इस स्थिति से विवाह मंडपों पर शहनाइयां भी बजने लगेंगी.
वैदिक के अनुसार, सूर्य को नव ग्रहों के राजा की उपाधि दी गयी है. ज्योतिषी डॉ ज्ञानेश भारद्वाज ने बताया कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब अत्यंत शुभकारी हो जाते हैं. 14 जनवरी को रात 03:02 बजे से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से मकर सक्रांति शुरू होने के साथ सभी शुभ कार्य भी शुरू किये जा सकेंगे. वैदिक मान्यता है कि सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए प्रवेश करते हैं. सूर्य के मकर राशि में संचार करने की घटना को सूर्य का उत्तरायण होना कहते हैं. इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में गुरु तारा के अस्त होने से एक अप्रैल से पांच मई तक विवाह के शुभ मुहूर्त की तिथियां नहीं हैं. जुलाई माह में चातुर्मास शुरू होने से अगले चार माह के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इस कारण सभी शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाता है. 22 नवंबर तक चातुर्मास रहने से शुरुआत में मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
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जनवरी- 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 30, 31.
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फरवरी- 01,06, 07, 08, 09, 10, 12, 13, 14, 15, 17, 22 23, 28.
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मार्च- 01, 05, 06, 07,08, 09,10,11, 12,13 14,
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मई- 06, 08, 09, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29, 30.
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जून- 01, 03, 05, 06, 07, 11, 12, 23, 24, 26, 27.
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नवंबर- 23, 24, 27, 28, 29.
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दिसंबर- 05, 6, 7 8, 9, 11, 15.