बिहार में हर घर नल का जल योजना के तहत राज्य के 102 जल जांच प्रयोगशाला को इस साल एनएबीएल से एक्रेडिडेटेड कराया जायेगा. ये बातें शनिवार को सहायक अभियंता, रसायनज्ञ, प्रयोगशाला सहायक के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पीएचइडी के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव अशोक कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि दो दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के माध्यम से लैब सिस्टम व इंटर्नल ऑडिट प्रोग्राम विषय पर आयोजित किया जायेगा, जिसमें जल जांच प्रयोगशाला के एनएबीएल एक्ररेडिडेशन के विभिन्न तरीकों से अवगत कराया जायेगा.
अभियंता प्रमुख ने कहा कि हर घर नल का जल के सफल क्रियान्वयन के बाद बिहार सरकार का लक्ष्य जलापूर्ति योजना का दीर्घकालीन अनुरक्षण है. इसके अंतर्गत जल गुणवत्ता, निगरानी महत्वपूर्ण है. अभियान चला कर जल जांच प्रयोगशाला का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है और नवीनतम तकनीक के जांच उपकरणों का क्रय किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य भारत मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप शुद्ध पेयजल सभी परिवार को उपलब्ध कराना है. इसके लिए प्रयोगशाला में रिक्त तीन सौ से अधिक पदों का भरा जा रहा है. जल जांच के लिए रसायन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और कार्यपालक अभियंता के स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक आयोजित कर कार्य मूल्यांकन कराया जा रहा है.
राज्य में एक राज्य स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला, 38 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला, 75 अवर प्रमंडलीय जल जांच प्रयोगशाला और नौ मोबाइल जल जांच प्रयोगशाला हैं. इनमें से राज्य और 11 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशाला को पहले ही एनएबीएल एक्रेडिडेड कराया जा चुका है. बाकी को इस वर्ष के अंत तक कराने का लक्ष्य है.
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क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निदेशक आलोक जैन ने कहा कि विभाग में जल गुणवत्ता को सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है और सरकार की यह प्राथमिकता है. उन्होंने प्रतिभागियों को प्रयोगशाला को साधन और सुविधा संपन्न बनाने की विभिन्न पहलुओं की जानकारी की. मौके पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के संयुक्त निदेशक रणविजय बिहारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम का संयोजन राज्य समन्वयक (क्षमता विकास और प्रशिक्षण) फीरोज अशरफ़ खां सहित अन्य लोग मौजूद थे.