Bihar News: पटना. बिहार के युवा वैज्ञानिक डॉ उज्ज्वल वर्मा व उनकी टीम ने बैक्टीरिया की पहचान करने वाली नयी टेक्नोलॉजी का ईजाद किया है. पटना कदमकुआं के रहने वाले व कर्नाटक के मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ उज्ज्वल वर्मा ने धागों में चीनी डाल कर बैक्टीरिया को खिलाने के लिये कल्चर डिश में डाल कर चीनी के रासायनिक परिवर्तन को कैमरे से देखा है.
फिर चित्र का विश्लेषण कंप्यूटर करता है और फटाफट बैक्टीरिया की पहचान हो जाती है. आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है. प्रो वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार घर बैठे दिन में ब्लड शूगर और डायबिटीज की जांच मिनटों में ही नहीं, सेकेंडों में हो जाती है. उसी तरह घर पर तो नहीं, लैब में शीघ्र ही कंप्यूटर और कैमरे की मदद से बैक्टीरिया इन्फेक्शन यानी संक्रमण की प्रामाणिक और फास्ट जांच हो सकेगी.
इस नूतन विधि पर डॉ उज्ज्वल की टीम की रिपोर्ट को इस वर्ष लंदन के रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री की प्रतिष्ठित शोध पत्रिका आरएससी एडवांसेज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. उनके इस शोध पत्र को मणिपाल मैक गिल सेंटर फॉर इन्फेक्शंस डिजीज (एमएसीआइडी) ने बेस्ट पब्लिकेशन पुरस्कार और सम्मान के लिए चुना है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha