Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के धुर्वा स्थित ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय, जगन्नाथपुर में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के राज्यस्तरीय शुभारंभ करते हुए बड़ी घोषणा की है. कहा कि मई माह के अंत तक राज्य में 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. वैसे तो राज्य में हजारों की संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इस महीने के अंत तक 25 हजार नवनियुक्त शिक्षक राज्य के विभिन्न स्कूलों में पठन-पाठन के कार्य को सुदृढ़ करेंगे. सीएम ने कहा कि आज के दिन शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. इधर, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के उद्घाटन समारोह में शामिल सभी लोगों को सीएम ने शुभकामनाएं दीं.
राज्य के 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले समय में झारखंड में और 5 हजार विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में अपग्रेड किया जाएगा. सभी उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा आईआईएम से सीबीएसई कोर्स के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासी, दलित, पिछड़े, मजदूर एवं किसान सहित सभी वर्ग-समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. कहा कि हमारी सरकार निरंतर राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा कि आज विशेष रूप से शिक्षा की दिशा में सरकार ने महत्त्वाकांक्षी कदम उठाया है और यह कदम सरकार की पंचायत तक जाएगी. इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षा विभाग और शिक्षकों का होगा. कहा कि हम राज्य के गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े और मजदूर के बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सकें. राज्य में वर्षों से चली आ रही पिछड़ेपन की समस्या को कैसे खत्म करें, इस निमित्त लगातार मंथन करते आ रहे हैं. कहा कि शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है, जिसके माध्यम से हर चीज हासिल की जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में शिक्षा की बेहतरी के लिए ऐसे कार्य सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए था, जो बहुत विलंब से शुरू हो रहा है. कहा कि आज हम मात्र चार से पांच हजार स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील करने की बात करते हैं, जबकि झारखंड में 35 हजार से अधिक स्कूल हैं. इन स्कूलों में जिस तरह से वर्षों से पढ़ाई की स्थिति बनी रही, अब उसे बदलने का कार्य हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ने की कोशिश की है. वर्तमान सरकार ने वर्षों से लंबित पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया है. शिक्षा व्यवस्थाओं में सुधार समय की मांग है. आज प्रतियोगिता का दौर है. प्रतियोगिता के इस दौर में राज्य के स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को बेहतर शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो, जो अब हमारे बीच नहीं हैं, उनका भी शिक्षा की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास रहा है. आज इस मौके पर हम उन्हें नमन करते हैं. आज पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालय का उद्घाटन हुआ है, लेकिन मुझे जो जानकारी मिली है अभी भी कई स्कूल हैं, जहां कुछ कार्य बाकी है. विभाग उन कार्यों को निश्चित रूप से समय अवधि के अंदर पूर्ण करे. अब यह कदम आगे बढ़ चुका है. यह रूक न पाये. इसके लिए हर संभव प्रयास शिक्षा विभाग करे, ताकि राज्य के बच्चों को बदलते समय के अनुरूप शिक्षा देकर उन्हें दुनिया के समक्ष खड़ा किया जा सके.
सीएम ने कहा कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. कई अड़चनें, कई बाधाओं की वजह से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी, लेकिन इस समस्या का समाधान निकाला जा चुका है. मई माह के अंत तक लगभग 25 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. जो इन स्कूलों में पदस्थापित होकर बच्चों को शिक्षा देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों के संचालन के लिए स्कूल के अंदर एक प्रबंधन समिति है. उन सभी से आग्रह होगा कि वे भी उत्कृष्ट विद्यालयों में बेहतर शिक्षा के लिए अहम भूमिका निभाएं, ताकि स्कूलों का संचालन बेहतर ढंग से किया जा सके. सरकार आधारभूत संरचना, शिक्षक, किताबें, कपड़े, व्यवस्थाएं दे सकती है. प्रबंधन समिति सुनिश्चित करें कि इन सभी संसाधनों के साथ बेहतर शिक्षा स्कूलों मिले, जो स्कूल बेहतर प्रदर्शन करेगा. समय-समय पर उसका आकलन कर उस विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आज 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई की तर्ज पर पठन-पाठन कार्य शुरू हो रहा है, लेकिन अभी कई मंजिल पार करनी है. हम गरीबों को बेहतर शिक्षा देने की बात करते हैं. आदिवासी, दलित, पिछड़ों को अच्छी शिक्षा देने की बात करते हैं, लेकिन जो दो कमरों में शिक्षा देने की व्यवस्था पूर्व से चली आ रही है, वो कहीं न कहीं इनके प्रति मजाक उड़ाने जैसा है. आज उससे अलग हटकर सरकार ने बेहतर शिक्षा के लिए उत्कृष्ट विद्यालयों को निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार कार्य कर रही है. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जा रहा है. बच्चे ड्रॉपआउट न हो, इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ-साथ एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर हमारी सरकार आयी है. बच्चों को पैसे को लेकर शिक्षा में दिक्कत न पहुंचे, इसलिए यह योजनाएं सरकार लेकर आयी है. कहा कि स्कूल से निकलने के बाद इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, जज बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों का सरकार सभी खर्च उठाएगी. आप पढ़ाई नहीं छोड़े. सरकार आपको सभी व्यवस्थाएं दे रही है. राज्य के बच्चे-बच्चियों को प्रतियोगिता-परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग के लिए भी सहायता राशि हमारी सरकार देगी.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय, जगन्नाथपुर के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का ऑनलाइन उद्घाटन एवं इन विद्यालयों में नामांकन की औपचारिक घोषणा की. मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय, जगन्नाथपुर को सीबीएसई से संबद्धता संबंधित प्रमाण पत्र विद्यालय प्रधान को सौंपा गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री का सरायकेला, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों में शुभारंभ हुए उत्कृष्ट विद्यालयों के बच्चों के साथ ऑनलाइन माध्यम से सीधा संवाद भी हुआ. इस अवसर पर उक्त जिलों के उपायुक्त भी ऑनलाइन उपस्थित थे.
इस अवसर पर हटिया विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर पठन-पाठन कार्य के लिए 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का राज्यस्तरीय शुभारंभ हो रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं उनकी टीम को शुभकामनाएं एवं बधाई देता हूं. कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अच्छी पहल है. इस नये पहल में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लक्ष्य को हासिल करने के लिए जनप्रतिनिधि सहित सभी का सहयोग आवश्यक है. स्कूल प्रबंधन सहित शिक्षकों की कोशिश तथा स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के डेडीकेशन से उत्कृष्ट विद्यालय की परिकल्पना को पूरी की जा सकेगी.
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि सबसे पहले स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं कि उन्होंने मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने का काम कर रहे हैं. उत्कृष्ट विद्यालय की परिकल्पना कोरोना संक्रमण दौर के समय की गई थी. राज्य सरकार बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. आज पहली कड़ी में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का राज्यस्तरीय शुभारंभ हुआ है. बेहतर शिक्षा व्यवस्था तीन मानकों पर आधारित है. सुलभ प्रक्रिया, सस्ती दर तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा. उत्कृष्ट विद्यालयों में सुलभ प्रक्रिया, सस्ती दर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. ऐसा देखा जाता है कि निजी विद्यालयों में गुणवत्ता अच्छी होती है, लेकिन वहां सस्ती दर और सुलभ व्यवस्थाएं नहीं है. उत्कृष्ट विद्यालयों में इन तीनों मानकों पर खरा उतरने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि राज्य के सभी वर्ग-समुदाय के अध्ययनरत बच्चे-बच्चियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान किया जा सके. उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालयों का शुभारंभ आज जिला स्तर पर हो रहा है, लेकिन समापन पंचायत स्तर पर होगी. मौके पर मुख्य सचिव ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों को कुछ आवश्यक सुझाव भी दिए.
इस अवसर पर विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना डाडेल, झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार महतो, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सचिव के रवि कुमार, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं स्कूली छात्र-छात्राएं काफी संख्या में उपस्थित थे.