कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को तेजस विमान से उड़ान भरे जाने के बाद उन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘चुनावी तस्वीरें खिंचवाने के उस्ताद’ को इस हल्के लड़ाकू विमान के लिए पहले की सरकारों के दौरान किए गए प्रयासों को भी स्वीकार करना चाहिए था. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि तेजस भारत की उस स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता एवं दक्षता के प्रति एक और सम्मान है जो दशकों से मजबूती के साथ तैयार की गई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को तेजस विमान से उड़ान भरी और कहा कि इस अनुभव से देश की स्वदेशी क्षमताओं पर उनका भरोसा बढ़ा है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री ने एक पोस्ट में कहा, ‘तेजस से सफलतापूर्वक उड़ान भरी.’ जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘तेजस हमारी उस स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता एवं दक्षता के प्रति एक और सम्मान है जो दशकों से मजबूती के साथ तैयार की गई है.
तेजस हमारी स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी ताक़त एवं क्षमता का एक और मिसाल है, जो दशकों के दृढ़संकल्प का नतीजा है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 25, 2023
तेजस को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा डिज़ाइन किया गया है। इसे 1984 में स्थापित किया गया था और इसने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), नेशनल एयरोस्पेस… https://t.co/1A0yhxJ11Z
तेजस को उस ‘एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी’ (एडीए) द्वारा तैयार किया गया है जिसे 1984 में स्थापित किया गया था और जिसने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज (एनएएल), भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम किया.’ उन्होंने कहा, ‘हल्के लड़ाकू विमान के डिजाइन को छह साल बाद अंतिम रूप दिया गया. अंततः 2011 में परिचालन मंजूरी प्रदान की गई. निस्संदेह, कई अन्य महत्वपूर्ण मील के पत्थर भी हैं.’
कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर दावा किया, ‘चुनावी फोटो-ऑप्स के मास्टर’ (चुनावी तस्वीरें खिंचवाने के उस्ताद) को 2014 से पहले के उन प्रयासों को स्वीकार करने में कुछ खर्च नहीं करना पड़ता जो उनके द्वारा श्रेय लिए जाने के संदर्भ में आवश्यक थे. अधिकारियों ने बताया कि इन तेजस विमानों की आपूर्ति फरवरी 2024 तक शुरू होनी निर्धारित है. उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत की रक्षा तैयारियों और स्वदेशीकरण को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें तेजस लड़ाकू विमान भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि विमान का पहला संस्करण 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और वर्तमान में, वायुसेना की दो स्क्वाड्रन एलसीए तेजस के साथ पूरी तरह से परिचालन में हैं।
अधिकारियों ने कहा कि एलसीए एमके 2 के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है जो एलसीए तेजस का अद्यतन एवं अधिक घातक संस्करण है।
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