दीपों का पर्व दीपावली या दिवाली, हिन्दू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस त्योहार में घरों को दीपों और रंगों से सजाया जाता है. इस दिन दीया की रोशनी से पूरे घर को रोशन करने का विधान है, इसलिए इस पर्व को अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना गया है. लेकिन दीया जलाने से जुड़े भी कई नियम है. दीया किस दिशा में और कैसे जलाया जाता है इसका भी खास महत्व है.
कहा जाता है कि अगर दीया सही दिशा में ना जलाई गई तो मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं, तो आइये जानते हैं कि दीया जलाते समय कौन सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए और कौन सी नहीं.
दिवाली पर घर की उत्तर पूर्व दिशा या ईशान कोण में दीया जलाना सबसे शुभ माना गया है. बता दें कि उत्तर-पूर्व दिशा को ही ईशान कोण कहा जाता है. घर की यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है और यहां ईश्वर का वास माना जाता है.
दिवाली पर दक्षिण दिशा में दीया भूलकर भी नहीं जलाना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को यमराज की दिशा मानते हैं. इस दिशा में दीया जलाना अशुभ होता है.
दीपावली पर घर के मंदिर में दीया जलाना शुभ माना जाता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो मां लक्ष्मी रूठ भी सकती हैं.
Also Read: दीपावली की सफाई में ऐसे चमकाएं पीतल और तांबे के बर्तनकहा जाता है कि दीपावली के दिन तुलसी के पौधे के पास दीया रखना भी शुभ होता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है.
घर के रसोई के अंदर दीया रखने को भी शुभ माना गया है. ऐसा करने से मां अन्नापूर्णा का आशीर्वाद मिलता है. महालक्ष्मी को खुश करने के लिए घर की तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर दीया जलाना शुभ होता है. इससे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.
दिवाली पर कई लोग मोमबत्ती या लाइट वाले दीया जलाते हैं लेकिन तेल या घी से जले दीये ही शुभ माना जाता है.
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