ओलिवियर गिरोड के गोल की मदद से मौजूदा चैंपियन फ्रांस ने शनिवार को यहां इंग्लैंड को 2-1 से हराकर फीफा विश्व कप फुटबॉल के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. गिरोड ने अल बायत स्टेडियम में 78वें मिनट में फ्रांस के लिए दूसरा और निर्णायक गोल दागा.
इससे फ्रांस अब ब्राजील के बाद लगातार दो विश्व कप जीतने वाली दूसरी टीम बनने से अब केवल दो जीत दूर है. ब्राजील में 1958 और 1962 में लगातार दो विश्व कप जीते थे. गिरोड ने तब खुशी में तेज दौड़ लगायी जब उनका हेडर इंग्लैंड के गोलकीपर जॉर्डन पिकफोर्ड को छकाकर गोल पोस्ट के अंदर घुसा.
इंग्लैंड के स्ट्राइकर हैरी केन को इसके बाद बराबरी का मौका मिला लेकिन पेनल्टी पर उनका शॉट क्रॉसबार के ऊपर से बाहर निकल गया. यह केन की दूसरी पेनल्टी थी. इससे पहले 54वें मिनट में उन्होंने पेनल्टी को गोल में बदलकर इंग्लैंड को बराबरी दिलायी थी. ऑरेलियन टचौमेनी ने 17वें मिनट में फ्रांस की तरफ से पहला गोल किया था.
फ्रांस बुधवार को होने वाले सेमीफाइनल में मोरक्को का सामना करेगा जिसने पुर्तगाल को एक अन्य क्वार्टर फाइनल मैच में 1-0 से हराया. मोरक्को विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम है. इंग्लैंड स्कोर 1-1 से बराबर करने के बाद बढ़त लेने की स्थिति में भी दिख रहा था लेकिन वह गिरोड थे जिन्होंने एंटोनी ग्रीजमैन के क्रास पर गोल करके फ्रांस की तरफ से 53वां गोल दागा जो कि राष्ट्रीय रिकॉर्ड है.
फ्रांस की यह खुशी हालांकि ज्यादा देर तक नहीं रही क्योंकि रेफरी विल्टन सैंपैयो ने बॉक्स के अंदर स्थानापन्न मैसन माउंट की चुनौती की समीक्षा की जिन्हें थियो हर्नांडेज ने गिरा दिया था. ब्राजील के रेफरी ने इंग्लैंड को पेनल्टी दे दी. केन ने जब पहली बार पेनल्टी ली थी तो तब वह टोटेनहैम के अपने साथी ह्यूगो लोरिस को छकाने में सफल रहे थे लेकिन दूसरी बार में उनकी किक क्रॉसबार के ऊपर से बाहर चली गयी.
इससे जहां इंग्लैंड के समर्थक निराश हो गये वहीं फ्रांसीसी समर्थक जश्न मनाने लगे. इंग्लैंड को पहली पेनल्टी टचौमेनी द्वारा बुकायो साका को गिराने के कारण मिली थी. पिछले साल यूरोपीय चैंपियनशिप के फाइनल में इटली से पेनल्टी में हारने वाला इंग्लैंड 2018 में विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचा था. इंग्लैंड ने विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने तक 12 गोल किये थे और उसे पहली बार किसी मैच में पिछड़ना पड़ा. ईरान को 6-2 से करारी शिकस्त देने के बाद यह पहला यह पहला अवसर था जबकि इंग्लैंड की टीम ने गोल खाया.