राजधानी की सड़कों पर गाड़ियां भागती नहीं, रेंगती हैं. जाम में फंसती, निकलतीं गाड़ियों में बैठे लोग भी जैसे नियति मान बैठे हैं. एक जगह जाम में फंसे नहीं कि दूसरी जगह से निकलने की जुगत. सुबह-शाम जाम. शायद आनेवाले दिनों में राहत मिले. क्योंकि तीन फ्लाईओवर का निर्माण तेजी से चल रहा है. सिरमटोली-मेकन चौक फ्लाईओवर (Sirmtoli-Mecon Chowk) के इसी साल तैयार होने की उम्मीद है. हालांकि जुलाई 2024 तक उसे पूरा करने का समय दिया गया है. वहीं रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर भी अगले साल 2024 में पूरा हो जायेगा, लेकिन इसे पूरा करने का समय जनवरी 2025 है. कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण भी अगले साल तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि डायवर्सन और सड़क दुरुस्त हो जाये, तो ट्रैफिक से थोड़ी निजात मिलेगी. इस तरह लंबे समय से जाम से मुक्ति का इंतजार कर रहे राजधानीवासियों को राहत मिलेगी. तीनों फ्लाईओवर बन जाने का असर राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था पर दिखेगा.
इसके बनने का लाभ बूटी मोड़ से आनेवाले हर वाहन को मिलेगा. बरियातू, कोकर, बूटी मोड़, बीआइटी, ओरमांझी, खेलगांव, रामगढ़, हजारीबाग आदि इलाके के लोग फ्लाईओवर के माध्यम से सीधे एयरपोर्ट, हिनू, डोरंडा निकल सकेंगे. वहीं उधर के लोग भी सीधे फ्लाइओवर से कांटाटोली के पास उतरेंगे. इसके बनने से बहुबाजार, चुटिया रोड सहित कई सड़कों पर ट्रैफिक स्मूथ हो जायेगी. कांटाटोली फ्लाईओवर (Kantatoli Flyover) के 44 में 43 पीयर का निर्माण हो गया है. 15 में पियर कैप लग चुका है. सेगमेंट लगाने का काम शुरू है. 2.4 किमी के फ्लाईओवर के लिए 486 सेगमेंट लगाये जायेंगे. अप्रैल 2022 में ढाई वर्षों के बाद अधूरे कांटाटोली फ्लाइओवर का निर्माण दोबारा शुरू किया गया था. मार्च 2024 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है.
सिरमटोली-मेकन चौक फ्लाईओवर (Sirmtoli-Mecon Chowk) के बनने से कांटाटोली से डोरंडा, हिनू आदि इलाके में सीधे जाया जा सकेगा. क्लब रोड, सुजाता सिनेमा, ओवरब्रिज होकर गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं डोरंडा, एयरपोर्ट, हिनू, धुर्वा इलाके के लोग भी सीधे फ्लाईओवर से सिरमटोली और फिर कांटाटोली पहुंच जायेंगे. इससे क्लब रोड, सुजाता चौक से राजेंद्र चौक रोड, स्टेशन रोड, कडरु आरओबी में ट्रैफिक का बोझ कम होगा. सिरमटोली-मेकन चौक फ्लाईओवर में 51 पियर हैं, जिसमें दो का काम बाकी है. 70 प्रतिशत पियर पर कैप लग चुका है. राजेंद्र चौक के आगे डेक स्लेब का काम शुरू है. सिरमटोली और मेकन चौक दोनों ओर शीघ्र ही अप और डाउन रैंप बनाने पर काम होगा. अब ओवरब्रिज के पास से गुजर रही हरमू नदी के ऊपर केबल स्टे का काम किया जायेगा.
रातू रोड, इटकी रोड, पंडरा रोड के विभिन्न मुहल्लों के साथ ही बेड़ो, इटकी, मांडर, चान्हो, बिजुपाड़ा, नगड़ी, गुमला, लोहरदगा, कुड़ू, पलामू, लातेहार आदि इलाके के वाहनों का बोझ पड़ता है. इन्हें राजधानी के विभिन्न इलाकों में प्रवेश करने के लिए रातू रोड का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं. इस कॉरिडोर के तैयार होने से लोगों को राहत मिलेगी. इस फ्लाइओवर बनने का असर रातू रोड के सभी बाइपास, हेहल-पिपरटोली-हरमू बाइपास रोड, पहाड़ी मंदिर रोड, इंद्रपुरी रोड, सुखदेवनगर थाना रोड पर दिखेगा. तीनों फ्लाईओवर के निर्माण के बाद राजधानी की अन्य सड़कों पर वाहनों का बोझ कम हो जायेगा. इससे ईंधन खपत में 30 प्रतिशत की कमी आयेगी. यदि अभी चारपहिया वाहन चालक एक माह में 10 हजार का ईंधन खपत करता है, तो फ्लाइओवर निर्माण के बाद महीना में सात हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगेे. इस तरह एक वर्ष में 36 हजार रुपये की बचत हो जायेगी.
इस कॉरिडोर में कुल 101 पियर हैं. इसमें करीब 70 का निर्माण हो चुका है. सात की पाइलिंग हो गयी है. अब पियर खड़ा किया जा रहा है. तीन पियर के लिए पाइलिंग का प्रयास हो रहा है. बिड़ला बोर्डिंग के पास चट्टान निकल जाने से अड़चनें आयी हैं. वहीं एनएच 23 के इटकी रोड में 14 पियर करना है. इसकी पाइलिंग बुधवार से शुरू हो गयी है. वहीं सात पाइलिंग किशोरी सिंह यादव चौक से जाकिर हुसैन पार्क तक होगी. करीब 25 पियर में कैप लगा दिये गये हैं. पंडरा रोड में लक्ष्मीनगर चौक से पिस्का मोड़ चौक तक गर्डर भी लगा दिया गया है. रातू रोड मुख्य चौराहा से गर्डर लगाने की तैयारी है. इधर, सिरमटोली फ्लाईओवर में डेक प्लैंक का काम शुरू हो गया है. राजेंद्र चौक के पास पियर में गर्डर लगा दिया गया है. इसके बाद प्लैंक लगाने का काम शुरू किया गया है. इसके बाद स्लैब लगाने का काम किया जायेगा. यह काम देखने आज पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार कार्य स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कार्य करा रहे इंजीनियरों से योजना का हाल भी लिया.