बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला शुरू हो गया है. इस मेले में कृषक समुदाय को कृषि, पशुपालन, वानिकी, जैव प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, मत्सय पालन, डेयरी प्रौद्योगिकी और कृषि यंत्रीकरण में नई तकनीकि से किसानों को कराने के लिये मेले में 143 स्टॉल लगाए गये हैं.
किसानों के खेतों में उपयोग आनेवाले कृषि यंत्र के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से स्टॉल लगाया गया है. इसमें खेत की जोताई, फसल रोपाई, बोआई, निकाई गुड़ाई, कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक के छिड़काव, दौनी एवं कटाई से संबंधित हस्त चालित, बैल चालित, बैटरी चलित, मोटर चालित, ट्रैक्टर चालित सहित लगभग 90 कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है. इसमें उन्नत चूल्हा, गुल बनाने वाली मशीन तथा महिला फ्रेंडली कृषि यंत्र भी शामिल हैं.
मेला में विवि गृह विज्ञान विभाग द्वारा भी अलग से मिलेट्स स्टॉल लगाये गये हैं. इसमें मड़ुआ, गुंदली, कोदो, चेना, कंगनी, मुरात, ज्वार, बाजरा के पोषक तत्वों से लोगों को अवगत कराया गया. प्रोसेसिंग विधि से बिस्किट, कुकीज, गुजिया, नट बॉल्स, लड्डू, शक्करपारा, मिक्सचर, बालूशाही निमकी, चकली, धुसका, मोमो, डुंबू, बर्फी, पोहा, इडली, मफीन, केक, पास्ता, मठरी, समोसा, अनारसा, चाऊ, फ्लैक्स आइटम को प्रदर्शित किया गया.
किसानों द्वारा उपजाये गये उत्पादों की भी प्रदर्शनी के एक स्टॉल में एक कद्दू आठ किलो का है, जबकि एक ओल 13 किलो का है. 12 किलो का एक कोहड़ा, पांच किलो का एक पपीता तो एक आड़ू अधिकतम 10 किलोग्राम का है.
मेला में लगभग 143 स्टॉल लगाये गये हैं. इनमें कृषि, पशुपालन, वानिकी, बागवानी, मत्स्यपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, कृषि प्रोसेसिंग, कृषि यंत्रीकरण, कृषि स्टार्टअप, कुटीर उद्योग आदि से संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकी, सेवाओं व उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. मौके पर कृषि और संबंधित गतिविधियों में नये प्रयोग व उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करनेवाले राज्य के आठ किसानों को सम्मानित किया गया.