मणिपुर की राजधानी इंफाल में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहे जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों के अपहरण एवं उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है.
एन बीरेन सिंह सरकार हिंसक प्रदर्शनों से जूझ रही है और पूर्वी तथा पश्चिमी इंफाल जिलों में फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है. पिछले दो दिनों में इन प्रदर्शनों में 65 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. जांच में मदद के लिए एक विशेष विमान से सीबीआई की एक टीम यहां पहुंची.
अमित शाह ने एन बीरेन सिंह को फोन कर उन्हें आश्वासन दिया कि जिन लोगों ने दो मणिपुरी युवकों को अगवा कर उनकी हत्या की, उन्हें गिरफ्तार कर दंडित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी ने कल शाम मुझे कॉल किया और कहा कि वह खासतौर पर इस मामले की जांच के लिए एक सीबीआई टीम भेज रहे हैं.’’
सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर की अगुवाई में सीबीआई अधिकारियों का एक दल आज दिन में मणिपुर पहुंचा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंफाल पहुंचने के बाद सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है. उन्होंने यह नहीं बताया कि यह दल कहां गया है.
मामला छह जुलाई को दो युवकों के लापता होने से शुरू हुआ और 28 अगस्त को इसे केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया गया. लापता छात्रों के शव की तस्वीरें सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया.
प्रदर्शनकारियों को लगी चोटों के संदर्भ में मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘‘अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या कुछ भी घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. गंभीर चोटों के मामले में, जांच की जाएगी और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि लोहे से बनी वस्तुएं बदमाशों ने सुरक्षाबलों पर फेंकी जिससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. अफस्पा बढ़ाने के संबंध में अधिसूचना में कहा गया, ‘‘इसलिए, अफस्पा की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मणिपुर के राज्यपाल ने 19 थाना क्षेत्रों में आने वाले इलाकों को छोड़कर, पूरे मणिपुर राज्य को एक अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिये ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है.’’
जिन इलाकों को अफस्पा के दायरे से बाहर रखा गया है, वहां बहुसंख्यक मैतेई समुदाय का दबदबा है, जिसमें असम की सिलचर घाटी से सटा जिरीबाम इलाका भी शामिल है.