मणिपुर की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में हालात और भी बिगड़ गये हैं. सोमवार को केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को आग के हवाले कर दिया गया.
रैली कर रही महिलाओं की भीड़ ने मंत्री के आवास पर पथराव किया. प्रदर्शकारी, मंत्री से जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति पर संसद में बयान देने की मांग कर रहे थे.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री सिंह के आवास पर दो महीने में हुआ यह दूसरा हमला है. इससे पहले, 15 जून की रात भीड़ ने मंत्री के आवास पर हमला कर उसे आग के हवाले करने की कोशिश की थी. मंत्री के आवास पर जिस समय हमला हुआ, तब वहां कोई भी मौजूद नहीं था और मकान को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम मांग करते हैं कि मंत्री राज्य की स्थिति के बारे में संसद में बोलें. हम चाहते हैं कि इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएं. हम लोगों को बताना चाहते हैं कि हमारे साथ क्या हो रहा है.
कांगपोकपी जिले में चार मई को हुई एक घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने राज्य में शांति बहाल करने की मांग करते हुए सोमवार को एक रैली निकाली.
पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे क्योंकि युवक उस इलाके से गुजर रहे थे, जिसमें उन्हें रैली करने की अनुमति नहीं थी. जिसके चलते अधिकारियों और छात्रों के बीच तीखी बहस हुई. छात्रों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि वे निहत्थे थे और शांतिपूर्ण रैली करना चाहते थे.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.