17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Prabhat Khabar Special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें Pics

झारखंड में बाजार समितियों का हाल बेहाल है. किसानों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है. बाजार के अंदर सड़क, बिजली, पानी, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज नहीं है. कई बाजार समितियां कंप्यूटर ऑपरेटरों के भरोसे चल रही है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 11
पंडरा बाजार समिति : हर माह 25 लाख किराया, पर सुविधाएं नहीं

रांची स्थित पंडरा बाजार समिति में हर दिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. हर माह 25 लाख रुपये से अधिक किराये के रूप में बाजार समिति को आता है. लेकिन मंडी में सुविधाएं नहीं के बराबर हैं. यहां पर व्याप्त अव्यवस्थाओं के प्रति न तो मार्केटिंग बोर्ड और न ही पंडरा बाजार समिति का ध्यान है. सुविधाएं नहीं होने से हर दिन व्यापारी, ट्रक ड्राइवर, खलासी और मजदूर से लेकर आनेवाले लोगों को परेशानी होती है.

मंडी परिसर असुरक्षित, स्ट्रीट लाइट नहीं जलती

बाजार समिति में सुरक्षा का अभाव साफ दिखता है. परिसर में अलग-अलग जगहों पर चहारदीवारी टूटी हुई है. कई बार, गोदाम और दुकानों में चोरी की घटनाएं घट चुकी हैं. स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं होने से कई जगहों पर अंधेरा छाया रहता है. अंधेरा होने पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने लगता है. यही नहीं, मंडी में पेयजल के लिए भी व्यवस्था नहीं है. कई चापाकल खराब पड़े हैं. गरमी में स्थिति और खराब हो जाती है. शौचालय की स्थिति भी खराब है. खास कर मजदूरों को छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए परेशान होता है.

दुकानों की स्थिति भी खराब

बाजार समिति में दुकानों और गोदामों की स्थिति भी खराब है. कई जगहों पर पिलर टूटा हुआ है. छत भी रिसती है. लेकिन, इस पर बाजार समिति का कोई ध्यान नहीं है. परिसर में कई जगहों पर कचरा पसरा रहता है. हाल यह है कि परिसर में दिनभर आवारा जानवर घूमते रहते हैं. सड़कें भी टूटी हुई हैं. रांची चेंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी और व्यापारी प्रतिनिधि संतोष सिंह ने कहा कि बाजार समिति का ध्यान केवल किराया पर रहता है. सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 12
लोहरदगा : बाजार समिति के अस्तित्व पर ही उठ रहा सवाल

लोहरदगा में बाजार समिति का अस्तित्व संकट में है. यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. बाजार समिति का परिसर काफी बड़ा है. लेकिन यहां का गेट जो एक बार टूट गया, उसके बाद इसकी मरम्मत भी अब तक नहीं हो सकी है. बाजार समिति के नाम पर यहां चंद जर्जर भवन पड़े हैं. जिसमें ही कुछ व्यापारियों ने अपना गोदाम बना रखा है. मैन पावर की भारी कमी है. यहां के पणन सचिव अभय कुमार गुमला के भी प्रभार में हैं. दो जगहों के प्रभार में रहने से वह ज्यादा वक्त लोहरदगा में नहीं दे पाते हैं. लेखा लिपिक का पद खाली है. पत्राचार लिपिक का एक पद है, जिसमें कर्मी हैं. आदेशपाल के दो पद हैं, जिनमें एक पद खाली पड़ा है.

सुरक्षा कर्मी नहीं

लोहरदगा बाजार समिति में सुरक्षाकर्मी के दो पद हैं, जिनमें बाहरी एजेंसी से कर्मी रखने का प्रावधान है, लेकिन परिसर में सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आता है. 2015 में बाजार समिति का टैक्स खत्म होने के बाद एक भी व्यवसायी पंजीकृत नहीं है.

नहीं है कोल्ड स्टोरेज

लोहरदगा बाजार समिति परिसर में कोल्ड स्टोरेज नहीं है. एक कोल्ड स्टोरेज का निर्माण 1984 में बिस्कोमान ने कराया था. लेकिन वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. यह कोल्ड स्टोरेज पूरा बना ही नहीं और निर्माण कार्य पूर्ण होने के पहले ही खंडहर में तब्दील हो गया.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 13
गढ़वा : दो करोड़ का कारोबार बेचने के लिए शेड तक नहीं

गढ़वा जिला मुख्यालय स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रतिदिन दो करोड़ का कारेाबार करती है, लेकिन बुनियादी समस्याओं से जूझने को विवश है. बाजार समिति के प्रांगण में एक भी पक्की सड़क नहीं है. व्यवसायी धूल के गुब्बार में बैठकर अपना कारोबार करने के लिए व्यवसायी मजबूर हैं. परिसर की कच्ची सड़कें पूरी तरह जर्जर हैं. कचरे का अंबार चारों ओर फैला रहता है. साफ-सफाई की भी व्यवस्था नहीं है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 14
गुमला : जर्जर भवन बन गयी है बाजार समिति की पहचान

गुमला शहर के करौंदी में कृषि उत्पादन बाजार समिति का कार्यालय है. परंतु, यहां भवन जर्जर है. अपना शौचालय, कोल्ड स्टोरेज, पेयजल का घोर अभाव है. बाजार समिति का प्रयोगशाला भी जेनरेटर व मशीन के अभाव में ठप पड़ा हुआ है. प्रयोगशाला भवन भी उपयोग नहीं होने से खंडहर में हो गया है. कृषि उत्पादन बाजार समिति के संचालन के लिए 14 स्वीकृत पद है. जिसमें पणन सचिव एक, लेखापाल एक, लिपिक एक, पर्यवेक्षक छह, पत्राचार लिपिक एक, शुल्क संग्रहक दो व चतुर्थ कर्मी दो की आवश्यकता है. जिसमें महज पांच कर्मियों की देखरेख में कृषि उत्पादन बाजार समिति संचालित है. जिसमें पर्यवेक्षक एक, लेखापाल एक, कंप्यूटर ऑपरेटर एक, गार्ड एक व स्वीपर एक है. बाजार समिति में एक भी किसान व व्यापारी नहीं आते हैं. किसानों को बाजार समिति लाने के लिए खुद बाजार समिति के लोगों को किसानों के पास जाना पड़ता है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 15
मेदिनीनगर : जर्जर हो गया है शेड, पीने का पानी भी नहीं

बैरिया स्थित बाजार समिति की दुकान और किसानों के लिए बने शेड फंड के अभाव में जर्जर हो रहे हैं. बाजार समिति परिसर में 38 दुकानें हैं, जिससे बाजार समिति को ढाई लाख रुपये प्रति महीना किराया के रूप में प्राप्त होता है. लेकिन कई ऐसी दुकानें हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं. जिससे दुकानदारों को काफी परेशानी भी होती है. दुकानों व शेड को बनाने के लिए बाजार समिति के पास पैसा नहीं है. इस संबंध में पणन सचिव दीपंकर राम ने बताया कि बाजार समिति को सिर्फ दुकान के किराया पर ही निर्भर रहना पड़ता है. बाजार समिति को अन्य और कोई साधन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने 2015 अप्रैल से ही बाजार शुल्क खत्म कर दिया है. इस कारण फंड की कमी हो गयी है. कर्मियों को वेतन भी बहुत मुश्किल से मिल पाता है. बाजार समिति के अंदर बनी सड़क की भी स्थिति दयनीय है. पानी पीने का उचित साधन उपलब्ध नहीं है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 16
लातेहार : एक कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे चल रही बाजार समिति

जिला मुख्यालय के बाजारटांड़ में संचालित बाजार समिति की हालत खुद दयनीय है. कार्यालय का संचालन वर्तमान समय में एक जर्जर भवन में हो रहा है. जिले की बाजार समिति का संचालन एकमात्र कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे चल रहा है. सुविधा के नाम पर कार्यालय में कुछ पुरानी कुर्सियां और कुछ टेबल हैं. बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं है. बाजार समिति से जिले का व्यापार पूरी तरह से बंद हो गया है. वर्ष 2015 से राज्य सरकार ने टैक्स सामान्य कर दिया है. उसके बाद से बाजार समिति से व्यापारी व किसान पूरी तरह कट गये हैं. वर्तमान समय में जिले के नेतरहाट, बरवाडीह व लातेहार में कुछ दुकानें संचालित हो रही हैं, जिसका किराया राज्य सरकार को जाता है. उसी किराया से कार्यरत एकमात्र कंप्यूटर ऑपरेटर को वेतन आदि का भुगतान होता है. बाजार समिति में कुल आठ पद सृजित हैं. लेकिन वर्तमान में एक कंप्यूटर ऑपरेटर ही कार्यरत हैं.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 17
कोडरमा : मैन पावर की कमी से जूझ रही है बाजार समिति

जिले की एकमात्र झुमरीतिलैया बाजार समिति इन दिनों मैन पावर की कमी से जूझ रही है. चार सुपरवाइजर और एक क्लर्क के स्वीकृत पद पर एक भी नियुक्त नहीं है. बाजार समिति में नियुक्त एकमात्र सुपरवाइजर का कुछ माह पूर्व स्थानांतरण होने के कारण यह पद रिक्त हो गया है. तब से आज तक इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं होने से इसका खामियाजा समिति को उठाना पड़ रहा है. बाजार समिति में अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं. एक 50 फीट का बड़ा आच्छादित चबूतरा और एक ई-नैम प्लेटफॉर्म के साथ ही आठ बड़े गोदाम बाजार समिति में उपलब्ध हैं. इसका किराया ही बाजार समिति की आय का एकमात्र स्रोत है. बाजार समिति में पानी व बिजली की स्थिति अच्छी है. प्रयोगशाला भी पूरी तरह अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है. बाजार समिति के सचिव रवि रंजन ने बताया कि बाजार समिति में 13 हजार छह सौ किसान निबंधित हैं. इनसे 50 से 60 लाख रुपये का व्यापार होता है. उन्होंने बताया कि ई-नैम की स्थिति अच्छी है. बाजार समिति से छह एपीओ (किसान उत्पादन समूह) को जोड़ा गया है.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 18
रामगढ़ : बुनियादी सुविधाएं भी नहीं घूमते हैं आवारा पशु, सुरक्षा नदारद

बाजार समिति रामगढ़ में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति दयनीय है. लगभग 20 एकड़ जमीन पर फैली बाजार समिति में 123 दुकानें व 50-50 हजार एमटी के दो गोदाम हैं. वर्ष 2015 में सरकार के द्वारा टैक्स लेना बंद करने के बाद दुकानों से किराये के रूप में चार-साढ़े चार लाख रुपये की आय समिति को होती है. दुकानें जब से बनी हैं, तब से उनका रंगरोगन और मरम्मत दुकानदारों ने नहीं करायी है. कोल्ड स्टोरेज और स्ट्रीट लाइट नहीं है. चहारदीवारी कई जगहों से टूटी पड़ी है. इस कारण पूरी बाजार समिति में आवारा पशु घूमते रहते हैं. टूटी चहारदीवारी के कारण सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सड़कें जर्जर और टूटी-फूटी हैं. शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है. पानी की व्यवस्था नहीं है.

बंद रहती है गुणवत्ता प्रयोगशाला

डीएमएफटी फंड से पानी टंकी का निर्माण हुआ है, जिसका उद्घाटन होना है. गुणवत्ता प्रयोगशाला है, लेकिन यह बंद रहती है. रामगढ़ बाजार समिति में लगभग 12 हजार किसान निबंधित हैं. लेकिन व्यवसायी नेता अमित कुमार साहू ने कहा कि ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है. रामगढ़ में एक भी किसान ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं करते हैं. बताया गया कि गोला में भी ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा है और वहां से किसान ऑनलाइन ट्रेडिंग करते हैं.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 19
धनबाद : बाजार समिति धनबाद में मैन पावर की कमी, सड़कें भी जर्जर

बाजार समिति के ई-नैम से 22 हजार किसान रजिस्टर्ड हैं. पिछले तीन माह में ई नैम के माध्यम से एक करोड़ 22 लाख का फल व सब्जी का कारोबार हुआ. जम्मू कश्मीर से 92 लाख का सेब व किसान उत्पादक समूह के माध्यम से 30 लाख का सब्जी का कारोबार किया गया. धनबाद में पांच किसान उत्पादक समूह काम कर रहे हैं. बाजार समिति में कुल 426 खाद्यान्न व फल की दुकानें हैं. इसके अलावा गोदाम है. बाजार समिति में एक दिन में खाद्यान्न व फल का लगभग दस करोड़ का कारोबार होता है. यहां लाइट व पानी की व्यवस्था है, लेकिन सड़कें जर्जर हैं. सबसे बड़ी बात कि इतना बड़ा मार्केट है, लेकिन बाजार समिति के पास मैन पावर की घोर कमी है. सड़क जर्जर हैं.

अब तक नहीं बन सका कोल्ड स्टोरेज

इतने बड़े मार्केट में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है. कृषि विभाग की ओर से कोल्ड स्टोरेज के लिए बाजार समिति प्रशासन ने जमीन मुहैया करायी है, पर अब तक कोल्ड स्टोरेज का काम शुरू नहीं हुआ है बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह बताते हैं कि किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए किसान उत्पादक समूह का गठन किया गया. पांच उत्पादक समूह काम कर रहा है. तीन माह में ई-नैम से एक करोड़ 22 लाख का फल व सब्जी का ट्रेड किया गया.

Undefined
Prabhat khabar special: झारखंड में बाजार समितियाें का हाल बेहाल, किसानों को नहीं मिलता लाभ, देखें pics 20
जमशेदपुर की परसुडीह मंडी : बैंक में 50 करोड़, सुविधाएं नहीं

जमशेदपुर की परसुडीह मंडी प्रशासन के पास फंड के रूप में 50 करोड़ रुपये फिक्स डिपॉजिट अलग-अलग बैंकों में जमा हैं. हर तीन माह पर फिक्स डिपॉजिट का ब्याज भी मिलता है, लेकिन मंडी के 350 व्यापारियों को मौलिक सुविधा भी नहीं मिल रही है. सड़क, सफाई, पानी, बिजली की अनियमित आपूर्ति हो रही है. वर्ष 2023 के जनवरी माह में मंडी प्रशासन ने थोक कारोबारियों से 40 लाख बकाये की वसूली भी की. लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया गया. मंडी परिसर में 70 फीसदी सड़कें जर्जर हालत में हैं. परसुडीह मंडी परिसर में वर्तमान में जलापूर्ति के नाम पर दो डीप बोरिंग से किसी तरह कारोबारी प्यास बुझा रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें