Brij Bhushan Sharan Singh Vs Wrestlers: महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (15 जून) को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में 1000 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दायर की. अब बृजभूषण पर लगे यौन शोषण के मामले में 1 जुलाई को सुनवाई होगी. ऐसे में आज हम आपको पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों, सभी घटनाओं और मामले में अब तक क्या-क्या हुआ इन सभी बातों की जानकारी देंगे.
जनवरी 18: पहलवानों ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, धरना शुरू
भारत के कुछ शीर्ष पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के नेतृत्व में कई पहलवानों ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया. उनकी मांग है कि डब्ल्यूएफआई को भंग कर दिया जाए, उसके अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया जाए और मामले की जांच की जाए. जिसपर खेल मंत्रालय डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगते है और उसे जवाब देने के लिए 72 घंटे का समय देते है.
जनवरी 20: जांच के आश्वासन के बाद पहलवानों ने आंदोलन वापस लिया
पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैठक की और जंतर-मंतर पर अपने धरने को खत्म करने के लिए सहमत हुए. तब खेल मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मामले को देखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा और बृजभूषण सिंह को जांच पूरी होने तक अलग हटने के लिए कहा जाएगा. इससे पहले 19 जनवरी को भी पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी.
जनवरी 21: WFI ने पहलवानों के आरोपों का खंडन किया
WFI ने खेल मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में पहलवानों के आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि ‘यौन उत्पीड़न का एक भी आरोप स्वीकार नहीं किया गया है और न ही कभी देखा गया है, न ही अब तक शिकायत की गई है और न ही WFI को यौन उत्पीड़न समिति को रिपोर्ट किया गया है, इसलिए आरोप इस मामले में कोई सच्चाई नहीं होने के कारण समान रूप से दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं.’
जनवरी 23: निगरानी समिति का गठन
आरोपों की जांच के लिए खेल रत्न से सम्मानित मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति का गठन किया गया. कमेटी को जांच पूरी करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया. लेकिन प्रदर्शनकारी पहलवान निराशा व्यक्त करते हैं कि समिति के सदस्यों की पसंद पर सरकार द्वारा उनसे सलाह नहीं ली गई. वहीं 23 फरवरी को खेल मंत्रालय ने पहलवानों के आरोपों की जांच कर रही निगरानी समिति का कार्यकाल दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था.
अप्रैल 23: पहलवानों ने फिर से शुरू किया विरोध प्रदर्शन
ओवरसाइट कमेटी के गठन के दो महीने बाद निराश पहलवान अपने विरोध प्रदर्शन को फिर से शुरू करने के लिए जंतर-मंतर पर इकट्ठा होते हैं. पहलवान मांग करते हैं कि सरकार जांच पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक करे और कथित अपराधियों को गिरफ्तार करें.
अप्रैल 25: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के बारे में याचिका में गंभीर आरोप लगाए हैं.’
अप्रैल 28: दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की, एक यौन अपराधों से बच्चों के कड़े संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत और दूसरी एक महिला के शील भंग से संबंधित है. दूसरी प्राथमिकी में बृजभूषण के अलावा महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर का भी नाम शामिल किया गया.
मई 5: पुलिस ने दर्ज किए पहलवानों के बयान
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाले पहलवानों के बयान दर्ज किए. दो प्राथमिकी में पेशेवर सहायता के बदले ‘यौन अनुग्रह’ मांगने के कम से कम दो उदाहरणों का उल्लेख है; यौन उत्पीड़न की कम से कम 15 घटनाएं जिनमें अनुचित स्पर्श के 10 एपिसोड शामिल हैं, छेड़छाड़ जिसमें स्तनों पर हाथ चलाना, नाभि को छूना, पीछा करने सहित डराने-धमकाने के कई उदाहरण शामिल हैं.
10 मई: पहलवानों ने WFI प्रमुख को नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी
सात पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने सिंह को चुनौती दी कि अगर उन्हें अपनी बेगुनाही पर भरोसा है तो वे लाई डिटेक्टर नार्को टेस्ट कराएं. मलिक कहती हैं, ‘हम भी परीक्षा देने को तैयार हैं. सच्चाई सामने आने दीजिए, कौन अपराधी है और कौन नहीं.’
11 मई: पुलिस ने बृजभूषण का बयान रिकॉर्ड किया
दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और सहायक सचिव विनोद तोमर का बयान दर्ज किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के सिलसिले में उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई.
28 मई: दिल्ली पुलिस और शीर्ष पहलवानों के बीच हाथापाई, हिरासत में गये
नई संसद की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित शीर्ष पहलवानों को दिल्ली पुलिस हिरासत में लेती है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. विरोध मार्च से भद्दे दृश्य सामने आते हैं क्योंकि पुलिस पहलवानों को हिरासत में लेती है, उन्हें जबरदस्ती हिरासत में खींचती है. पुलिस द्वारा पहलवानों के साथ किए जाने वाले दुर्व्यवहार की व्यापक निंदा होती है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि कैसे पहलवानों के साथ मारपीट की गई.
30 मई: मेडल विसर्जित करने हरिद्वार पहुंचे पहलवान
विरोध के तौर पर पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार के हर की पौड़ी पहुंचे. डेढ़ घंटे से अधिक समय तक नदी के किनारे बैठकर उन्हें अपने पदक और सर्टिफिकेट को लेकर सिसकते देखा गया. वहीं भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत के आग्रह पर पहलवान अपने प्रयास को रोकने के लिए सहमत हो जाते हैं.
जून 3: आधी रात को अमित शाह ने पहलवानों से की मुलाकात
प्रदर्शनकारी पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. आधी रात में यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चलती है. इसमें ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के साथ कई कोच शामिल होते हैं.
जून 6: नाबालिग पहलवान ने WFI प्रमुख के खिलाफ शिकायत वापस ली
बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और उसका पीछा करने का आरोप लगाने के बाद 17 वर्षीय नाबालिग पहलवान अपने आरोपों को वापस ले लेती हैं. नाबालिग ने शुरू में दो बयान दिए थे, एक पुलिस के सामने और दूसरा मजिस्ट्रेट के सामने. वह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने एक नया बयान दर्ज कराती हैं.
जून 7: 15 जून तक चार्जशीट दायर करने के आश्वासन के बाद विरोध प्रदर्शन रुका
प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रतिनिधिमंडल ने खेल मंत्री ठाकुर से उनके आवास पर मुलाकात की. लगभग छह घंटे के विचार-विमर्श के बाद, पहलवानों ने 15 जून तक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ पुलिस जांच तब तक पूरी कर ली जाएगी और लंबित डब्ल्यूएफआई चुनाव 30 जून तक करा लिए जाएंगे.
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