18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी गूंज उठा पुरानी पेंशन का मुद्दा, जानें क्या है असर?

हरियाणा चुनाव (Haryana Elections) में भी पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Scheme) का मुद्दा सिर चढ़कर बोल रहा है. किसानों, महिला पहलवानों के साथ दुव्यर्वहार के मामले में जनता जितनी मुखर दिख रही है, उतना ही पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी भी अपना दमखम दिखा रहे हैं.

Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) में पुरानी पेंशन बहाली की मांग प्रमुख मुद्दा बन गया है. कांग्रेस ने सरकार बनने पर अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाल (Old Pension Scheme) करने का वादा किया है. बीजेपी इसको लेकर हमेशा तरह अपने सख्त रुख पर कायम है. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का सरकारी कर्मचारियों की चूड़ी टाइट करने का बयान भी चर्चा में है. इसके बाद से कर्मचारियों में रोष है. लोकसभा चुनाव के चार महीने बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में भी कर्मचारी अपने वोट की ताकत को दिखाने को बेताब हैं.

चार गैर बीजेपी शासित राज्यों में लागू हुई OPS

नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की मांग शुरू हुई थी. इस अभियान से लाखों की संख्या में कर्मचारी जुड़ते चले गए. इसका नतीजा ये रहा कि वर्तमान में चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है. इत्तेफाक से ये सभी राज्य गैर भाजपा शासित हैं. अब हरियाणा में राज्य कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए मोर्चा खोल दिया है. यहां लगभग 2.70 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. इनके परिवार को मिला लें तो ये संख्या 10 से 12 लाख पहुंच जाती है. कर्मचारियों का दावा है कि लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों की ताकत को कम आंका गया था. जिसका परिणाम देखने को मिल चुका है.

दिल्ली के रामलीला मैदान से ‘हुड्डा’ ने किया था वादा

नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में लाखों कर्मचारियों ने लोकसभा चुनाव 2024 में राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण की समाप्ति को स्थान देने के लिये देश के प्रमुख दलों को पत्र लिखकर मांग की थी. इसके बाद 1 अक्टूबर 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली की थी. इस रैली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हुए थे. उन्होंने मंच से घोषणा की थी, कि कांग्रेस सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जाएगी. हरियाणा में पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन चलाने वाले विजेंद्र धारीवाल ने हाल ही में फिर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी. जिसमें पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चर्चा की गई थी.

वन नेशन वन इलेक्शनव वन पेंशन

वन नेशन वन इलेक्शन के बीच वन पेंशन का नारा भी बुलंद हो गया है. कर्मचारी लगातार सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसके लिए अभियान चला रहे हैं. एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु ने बताया कि प्रधानमंत्री सहित केंद्र सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के बाद यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऑप्शन भी दिया है. बीजेपी के नेता लगातार यूपीएस के फायदे गिना रहे हैं. लेकिन कर्मचारी नेता वन नेशन वन इलेक्शन की तरह वन पेंशन की मांग भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग लगातार जारी है. इसको और मजबूती देने के लिए 26 सितंबर को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर यूपीएस/एनपीएस के खिलाफ आक्रोश मार्च होगा. इसके बाद 15 दिसंबर 2024 को दिल्ली में NMOPS का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. इसमें आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी.

वोट फॉर ओपीएस का चलेगा अभियान

नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि हाल ही में हुई बैठक में तय किया गया है कि हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और झारखंड में आगामी चुनाव में वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाया जाएगा. NMOPS और अटेवा (ATEWA) के आंदोलन के कारण ही आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें