14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

New Criminal Laws : अब हिट एंड रन और धोखे से शारीरिक संबंध बनाने पर होगी ये सजा

New Criminal Laws : नए आपराधिक कानूनों में कई अपराधों को परिभाषित किया गया है और कुछ ऐसे कानून भी है, जिन्हें समाप्त कर दिया गया है, क्योंकि वे समय के अनुसार इस्तेमाल में नहीं थे. राजद्रोह का मामला कुछ इसी तरह का अपराध है. भारतीय न्याय संहिता में 358 सेक्शन है, जबकि आईपीसी में 511 थे. नए आपराधिक कानूनों में 20 नए अपराधों को शामिल किया गया है.

New Criminal Laws :  एक जुलाई 2024 से देश में तीन नए कानून लागू हो रहे हैं. इन कानूनों को देश के लिए जरूरी और वक्त के अनुसार माना जा रहा है. नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के लागू होने से देश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम समाप्त हो जाएंगे. इन नए आपराधिक कानूनों को संसद ने पिछले साल शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया था.

इन तीन कानूनों की खासियत यह है कि इसमें कई अपराधों को परिभाषित किया गया है और कुछ ऐसे कानून भी है, जिन्हें समाप्त कर दिया गया है, क्योंकि वे समय के अनुसार इस्तेमाल में नहीं थे. राजद्रोह का मामला कुछ इसी तरह का अपराध है. भारतीय न्याय संहिता में 358 सेक्शन है, जबकि आईपीसी में 511 थे. नए आपराधिक कानूनों में 20 नए अपराधों को शामिल किया गया है. इस न्याय संहिता में 33 अपराधों के लिए जेल की सजा को बढ़ाया गया है, जबकि कुछ मामलों में मौत की सजा का प्रावधान भी किया गया है.

New Criminal Laws : माॅब लिंचिंग के लिए सजा का प्रावधान

Mob Lintching
अब माॅब लिंचिंग होने पर सजा का प्रावधान

अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्रा ने बताया कि एक जुलाई से जो तीन नए कानून लागू हो रहे हैं, वे दंड और साक्ष्य से संबंधित हैं. यानी किसी अपराध पर क्या सजा हो सकती है और किसी मामले की सुनवाई के दौरान साक्ष्य जो पेश किये जाते हैं उसे लेकर क्या कानून है. 

माॅब लिंचिंग : नए आपराधिक कानूनों में जो सबसे बड़ा बदलाव दिख रहा है वो ये हैं कि अब माॅब लिंचिंग होने पर सजा का प्रावधान है, जो पहले नहीं था. नए कानून में माॅब लिंचिंग को परिभाषित कर दिया गया है जिसके तहत यह कहा गया है कि अगर पांच व्यक्तियों का समूह किसी को इरादतन मारता है और उसकी मौत हो जाती है तो उसमें सजा का प्रावधान है.

हिट एंड रन : नए कानून में हिट एंड रन को भी परिभाषित किया गया है और इसकी गंभीरता को भी बढ़ाया गया है. आईपीसी की धारा 279 में पहले यह जमानती अपराध था, जब किसी की गाड़ी से किसी का एक्सीडेंट हो जाता था. अब भी यह प्रावधान न्याय संहिता के 106 (1) में है. लेकिन 106 (2) में मामले की गंभीरता को बढ़ाया गया है और बताया गया है कि अगर आपकी गाड़ी से किसी का एक्सीडेंट होता है और अगर आप बिना पुलिस या किसी मजिस्ट्रेट को सूचित किए बिना वहां से चले जाते हैं, तो अपराध गैरजमानती हो जाएगा. 

नाबालिगों से अपराध करवाने पर सजा का प्रावधान

संगठित अपराध : नए कानून में संगठित अपराध को डिफाइन किया गया है. संगठन से संबंध होने पर अपराध का प्रावधान किया गया है. संगठित अपराध के लिए 20 साल की सजा और न्यूनतम 10 लाख की सजा का अपराध है. संगठित अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान भी किया गया है. इसके तहत बमबाजी, गैंगवार जैसी घटनाएं शामिल हैं. 

आतंकी गतिविधि : नए कानूनों में आतंकी गतिविधियों को भी परिभाषित करके इसमें शामिल किया गया है और उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है. नए कानूनों के तहत नाबालिगों से अपराध करवाने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है. यानी जितनी सजा अपराध करवाने वालों को होगी उतनी ही सजा अपराध करवाने वालों को भी होगी.

Explainer: ‘जय फिलिस्तीन’ कहने से असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता जाएगी या नहीं? क्या है नियम

क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड में सख्त सजा की व्यवस्था

Crime Against Women
क्राइम अगेंस्ट वूमेन

क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड: भारतीय न्याय संहिता में एक नया चैप्टर जोड़ा गया है जिसे नाम दिया गया है -क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चाइल्ड. इस चैप्टर में यौन अपराधों की चर्चा है, साथ ही इस संहिता में 18 साल से कम उम्र की महिलाओं के साथ अगर बलात्कार होता है तो उसकी सजा में बदलाव का प्रावधान किया गया है. गौरतलब है कि नाबालिग महिला से सामूहिक बलात्कार से संबंधित प्रावधान को इस संहिता में POCSO एक्ट के अनुरूप बनाया जाएगा. साथ ही इस संहिता में यह प्रावधान भी है कि अगर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार होता है तो दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाए. संहिता में यह प्रावधान भी किया गया है कि बलात्कार पीड़ितों की जांच करने वाले चिकित्सकों को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपनी होगी.

गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की कैद : रेप के मामलों में इस न्याय संहिता काफी कठोर कानून हैं, साथ ही सजा को भी बढ़ा दिया गया है. न्याय संहिता के अनुसार गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की कैद होगी या फिर आजीवन कारावास की सजा होगी. इसमें 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप का नया कानून भी शामिल है. यह संहिता उन लोगों के लिए भी खतरे की घंटी होगी जो महिलाओं से शारीरिक संबंध धोखे से बनाते हैं, वे विश्वास में लेते हैं कि शादी करेंगे लेकिन उनका इरादा शादी का होता नहीं है. इस तरह की सोच के लोगों के लिए भी यह संहिता कठोर दंड का प्रावधान करती है. 

मोबाइल पर भेजा जाएगा समन

अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्रा ने बताया कि 2012 के निर्भया कांड के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर जो कुछ किया गया था, उसे इस न्याय संहिता में व्यवस्थित कर दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय साक्ष्य एक्ट में जो बड़ी बात दिखी है वो है ऑडियो -वीडियो  और डिजिटल फाॅर्म में भी मौजूद साक्ष्य को दस्तावेज माना जाएगा. साथ ही सभी तरह की जब्ती की वीडियोग्राफी होगी. साथ ही मोबाइल फोन पर समन भेजना भी इस एक्ट के तहत सही माना जाएगा. साथ ही ऑनलाइन एफआईआर करने की सुविधा भी दी गई है. अब कोई व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी रिपोर्ट लिखवा सकता है, रिपोर्ट लिखने में थाना क्षेत्र की बाध्यता नहीं होगी.

Also Read : Explainer : अविश्वास प्रस्ताव के वक्त स्पीकर के पास होता है निर्णायक वोट, जानें 18वीं लोकसभा में पद का महत्व

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें