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S-400 Missile System: रूस का एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, ईरान के लिए क्यों है खास

S-400 Missile System: रूस ईरान को एस-400 (S-400)मिसाइल डिफेंस सिस्टम दे रहा है. ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग में ये एक महत्वपूर्ण मोड़ है. क्योंकि अमेरिका ने इजरायल को अपना थाड (THAAD) मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने की घोषणा की है. रूस का एस-400 सबसे उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है. भारत को भी वर्ष 2026 तक से डिफेंस सिस्टम मिलने की उम्मीद है. जानतें हैं क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम...

S-400 Missile System: इजरायल से लड़ रहे ईरान को रूस अपना एस-400 (S-400) मिसाइल डिफेंस सिस्टम दे रहा है. जो बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में नष्ट कर देगा. S-400 मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाली मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को नष्ट कर सकता है. ये अमेरिका के सबसे एडवांस फाइटर जेट F-35 को भी टारगेट कर सकता है. इसलिए ईरान के लिए रूस की ये मिसाइल डिफेंस प्रणाली बहुत ही खास है. भारत और रूस ने भी 2019 में एस-400 मिसाइल सिस्टम के 5 स्क्वाड्रन के लिए एमओयू किया था. ये उसे वर्ष 2026 तक मिल सकता है. यही नहीं रूस एस-500 (S-500) मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर काम कर रहा है, जो एस-400 से भी ज्यादा खतरनाक और अचूक है.

एस-400 में क्या खास है

एस-400 (S-400 Missile System) में खासबात ये है कि इसे कहीं से भी इस्तेमाल किया जा सकता है. क्योंकि ये एक ट्रक पर माउंट होता है. ये माइनस 70 डिग्री तापमान तक काम करने में सक्षम है. एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की रेंज 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर होती है. ये सिस्टम 100 से लेकर 40 हजार फीट तक उड़ने वाले टारगेट की पहचान करके नष्ट कर सकता है. इसका रडार 600 किलोमीटर तक की रेंज में 300 टारगेट को पहचान सकता है.

एस-500 की तैयारी

रूस S-400 Missile System के साथ ही अपनी महात्वाकांझाी योजना एस-500 प्रोमेटे (S-500 Prometey) मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भी काम कर रहा है. ये हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी टारगेट कर सकेगा. इसके अलावा स्टील्थ फाइटर जेट और अंतरिक्ष में मौजूद सेटेलाइट को भी निशाना बना सकता है. ये मिसाइल सिस्टम एक बार में 10 अलग-अलग तरह के टारगेट को हिट कर सकता है. इसकी गति 25 हजार किलोमीटर होती है. इसके चलते ये धरती की निचली कक्षा में स्थित टारगेट को भी नष्ट कर सकता है. ये टारगेट की तरफ बढ़ते समय अपनी दिशा बदल सकता हैं. साथ ही टारगेट का पीछा कर सकता है.

एंटी सेटेलाइट और एंटी स्पेसक्राफ्ट मिसाइल से लैस

एस-500 प्रोमेटे (S-500 Prometey) मिसाइल डिफेंस सिस्टम में 77एन6-एन (77N6-N) और 77एन6-एन1 (77N6-N3) इंटरसेप्टर मिसाइलें लगी हैं. ये मिसाइलें एंटी सेटेलाइट और एंटी स्पेसक्राफ्ट को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. दूसरे वर्जन में 40एन6एम (40NM6M) एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें लगी हैं. जो हाइपरसोनिक मिसाइलों और स्टील्थ फाइटर जेट को निशाना बना सकती हैं.

भारत भी नहीं पीछे, स्वदेशी प्रणाली देगी टक्कर

भारत भी अपना मिसाइल डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है. डीआरडीओ (DRD)) ने इसका परीक्षण भी किया है. ओडिशा के चांदीपुर के एलसी-4 धामरा से इस सिस्टम सफल परीक्षण किया है. ये सिस्टम 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल से निपटने में सक्षम है. परीक्षण के दौरान इस सिस्टम ने डमी मिसाइल को हवा में सफलता के साथ नष्ट किया है. दूसरे चरण में एडी एंडो एटमॉस्फेरिक मिसाइल का परीक्षण भी किया गया है. ये मिसाइल पाकिस्तान या चीन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को वायुमंडल के नजदीक ही नष्ट कर देगी.

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