US Election Results : अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के चुनावी मैदान से हटने के बाद जब कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हुईं थीं तो वो डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त बनाए हुई थीं, लेकिन बाद में डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे दांव खेले कि मतदान से ठीक पहले कमला हैरिस पिछड़ने लगी लगीं और अब स्थिति यह है कि दोनों उम्मीदवार में से विजयी कौन होगा यह बता पाना पोल के लिए मुश्किल हो गया है. अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल है और राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है.
कोई भी उम्मीदवार 270 के आंकड़े तक नहीं पहुंचा तब क्या होगा?
अमेरिका में इलेक्टोरल कॉलेज ही तय करता है कि कौन सा उम्मीदवार राष्ट्रपति पद तक पहुंचेगा और इलेक्टोरल कॉलेज का निर्धारण राज्यों की जनसंख्या के आधार पर होता है. इसलिए पापुलर वोट पाने के बाद भी कोई उम्मीदवार चुनाव हार जाता है. हालांकि यह रेअर स्थिति है लेकिन अगर कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप 270 का आंकड़ा प्राप्त करने में चूक गए और 260-269 की बराबरी की स्थिति बन गई तो अमेरिकी संविधान के अनुसार कंटिंजेंट इलेक्शन होगा. कंटिंजेंट इलेक्शन में कांग्रेस के ऊपर यह जिम्मेदारी होती है कि वह देश का अगला राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने. कंटिंजेंट इलेक्शन में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में राज्य का प्रतिनिधिमंडल वोट करता है और बहुमत के आधार पर राष्ट्रपति को चुनाव जाता है.
कब होगा कंटिंजेंट इलेक्शन (Contingent election)
अमेरिकी चुनाव में अगर कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच टाई हुआ तो अमेरिका को अपना राष्ट्रपति छह जनवरी के बाद मिलेगा क्योंकि उसी वक्त कांग्रेस के सदस्य मिलेंगे और यह तय होगा कि किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला है और कंटिंजेट इलेक्शन इलेक्शन के लिए मतदान होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति को 20 जनवरी 2025 को शपथ ग्रहण करना है.
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