लाहौर : भारत में जन्मी प्रख्यात पाकिस्तानी कवयित्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता फ़हमीदा रियाज़ का लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में निधन हो गया. मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है. पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के शासनकाल के दौरान फ़हमीदा पाकिस्तान चली गई थीं और सात साल तक भारत में आत्म निर्वासन में रही थीं.
वह पिछले कुछ महीने से बीमार थीं. द न्यूज इंटरनेशनल ने खबर दी है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में जुलाई 1945 को जन्मी और अपने पिता के सिंध प्रांत में तबादले के बाद हैदराबाद में जा बसीं फ़हमीदा ने हमेशा पाकिस्तान में महिला अधिकारों और लोकतंत्र के लिए अपनी आवाज बुलंद की. खबर में बताया गया है कि फ़हमीदा एक जानी मानी प्रगतिशील उर्दू लेखिका, कवयित्री, मानवाधिकार कार्यकर्ता और नारीवादी थीं जिन्होंने रेडियो पाकिस्तान और बीबीसी उर्दू सर्विस (रेडियो) के लिए काम किया.
उदार और राजनीतिक सामग्री के कारण फ़हमीदा की उर्दू पत्रिका आवाज़ की ओर जि़या का ध्यान गया. इसके बाद फ़हमीदा और उनके दूसरे पति पर अलग-अलग मामलों में आरोप लगाए गये और पत्रिका को बंद कर दिया गया. पति की गिरफ्तारी के बाद, वह अपने दो बच्चों और बहन के साथ भारत आयीं और उन्हें शरण मिल गई. उनके बच्चों ने भारत के स्कूल में पढ़ाई की. जेल से रिहाई के बाद उनके पति उनके पास भारत आ गये. खबर में बताया गया है कि जिया की मौत के बाद पाकिस्तान लौटने से पहले फ़हमीदा का परिवार करीब सात साल तक भारत में निर्वासन में रहा. खबर में बताया गया है वह पाकिस्तान में नारीवादी संघर्ष की एक प्रमुख आवाज थीं.