रांची : हिंदी के सुप्रसिद्ध लेखक गोपालराम गहमरी की सद्य: प्रकाशित जासूसी कहानियों की पुस्तक का शनिवार को लोकार्पण किया गया. झारखंड की राजधानी रांची के स्टेशन रोड स्थित प्रभात प्रकाशन के सभागार में आयोजित एक समारोह के दौरान गहमरी की पुस्तक जासूसी कहानियां का लोकार्पित की गयी.
लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत ने कहा कि भूली-बिसरी पुस्तकों को फिर से प्रकाशन करना बेहतर काम है. नयी युवा पीढ़ी को इससे नयी जानकारियां मिलेंगी. बाजार में अब अच्छी पुस्तकें आने लगी हैं. उन्होंने कहा कि इंटरनेट और मोबाइल के कारण लोगों की रुचि पुस्तकों से घट रही है. इसके बाद भी पुस्तकों की लोकप्रियता बनी हुई है. बाजार में जासूसी कहानियां आती रही हैं. इनमें कई जासूसी कहानियां बहुत ही अच्छी रहीं.
इस मौके पर साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि गोपालराम गहमरी और देवकीनंदन खत्री ने अपने दौर में पाठकों को पैदा किया. गोपालराम गहमरी की कहानियां हमेशा रोचक रहीं. इस किताब से नयी पीढ़ी को बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा. कथाकार पंकज मित्र ने कहा कि गोपालराम गहमरी की किताब पढ़ने के लिए कई लोगों ने हिंदी को सीखा. उनकी जासूसी कहानियां काफी लोकप्रिक रहीं. प्रेमचंद भी गोपालराम गहमरी की जासूसी कहानियों को पढ़ते थे.
इस मौके पर समारोह में आलोचक डॉ अरुण कुमार और रांची दूरदर्शन के पूर्व निदेशक पीके झा ने भी अपने विचार रखे. मंच का संचालन हरेंद्र सिन्हा ने किया. मौके पर गिरधारी राम गंझू, अशित कुमार, वीणा श्रीवास्तव, मुरारी मयंक, रश्मि शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद थे.