भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार झारखंड के युवा कथाकार शेखर मल्लिक को दिया जायेगा. इस संबंध में कथाकार शेखर मल्लिक को परिषद ने ईमेल के जरिये सूचना दी है. शेखर मल्लिक ने प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार दिये जाने की घोषणा के बाद प्रभात खबर के साथ बातचीत में बताया कि वर्ष 2020 में ही उन्हें यह पुरस्कार दिये जाने का निर्णय हो चुका था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उस वक्त यह पुरस्कार दिये जाने की घोषणा नहीं हुई. गौरतलब है कि शेखर मल्लिक को युवा पुरस्कार 2020 दिये जाने की सूचना आज ही मिली है.
शेखर मल्लिक झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय भाषा परिषद का यह पुरस्कार हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के युवा साहित्यकारों को साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है. शेखर मल्लिक का चयन हिंदी भाषा के लिए किया गया है. आठ अप्रैल को शेखर मल्लिक को यह पुरस्कार कोलकाता में दिया जायेगा. भारतीय भाषा परिषद के इस पुरस्कार में लेखक को 41 हजार रुपये की राशि, एक स्मृति चिह्न, अभिनंदन पत्र और शाॅल देकर सम्मानित किया जायेगा.
झारखंड प्रगतिशील लेखक संघ के उप महासचिव शेखर मल्लिक समकालीन चर्चित युवा लेखक हैं, जिनकी पहली कहानी को प्रतिष्ठित पत्रिका हंस में प्रथम प्रेमचंद कहानी पुरस्कार 2004 हेतु नामित किया गया था. उनके तीन कहानी संग्रह स्वीकार और अन्य कहानियां, कस्बाई औरतों के किस्से और आधी रात का किस्सागो तथा एक उपन्यास कालचिती प्रकाशित हैं. शेखर मल्लिक IPTA से भी जुड़े संस्कृतिकर्मी भी हैं. शेखर मल्लिक ने बताया कि उनके दो उपन्यास अभी प्रकाशित होने वाले हैं. उनकी कथा रचनाओं के नाट्य रूपांतरण, अन्य भाषाओं में अनुवाद व उन पर शोध कार्य भी हुए हैं.
शेखर मल्लिक का जन्म 18 दिसंबर 1978 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुआ है. इन्होंने हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर किया है. साथ ही पत्रकारिता में डिप्लोमा भी किया है. ये रांची विश्वविद्यालय में शोधरत हैं. इनकी रचनाएं देश के प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें हंस, उद्घोष, अन्यथा, परिकथा, पाखी, वागर्थ और प्रगतिशील वसुधा शामिल हैं. इसके अलावा इनकी कहानियां प्रभात खबर और दैनिक हिंदुस्तान अखबार में प्रकाशित हो चुकी हैं.
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