25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुस्तक समीक्षा: राज-समाज की परतें खोलती एक पुस्तक

पत्रकारिता के कई नामचीन चेहरों से जुड़े दिलचस्प किस्से और खुलासे हैं इस पुस्तक में. कम्युनिस्ट आंदोलन और छात्र आंदोलन से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तित्वों से जुड़े प्रसंग बेहद सहज कथाओं के रूप में प्रस्तुत किये गये हैं. कई गुमनाम लोगों के बारे में भी उपयोगी जानकारी है.

पुस्तक – पच्छूँ का घर : एक कार्यकर्ता की कहानी

समीक्षक – विष्णु राजगढ़िया

लेखक – चंद्रभूषण

प्रकाशक – अंतिका प्रकाशन

मूल्य – 395.00 पेपरबैक

पृष्ठ – 216

प्रथम संस्करण – 2023

आजादी के बाद के भारत किन रास्तों से होकर आज कहां पहुंचा है, इसे समझने में यह पुस्तक सहायक होगी. कवि-पत्रकार चंद्रभूषण की पुस्तक ‘पच्छूँ का घर‘ आजकल चर्चा में है. ‘एक कार्यकर्ता की कहानी‘ के बतौर इसे लिखा गया है. लेकिन यह कोई आत्मकथा नहीं है. किसी राजनीतिक वाद का आग्रह भी नहीं. किसी का महिमामंडन भी नहीं मिलता इसमें. व्यक्तिगत राग-द्वेष से भी कोई नाता नहीं इस पुस्तक का. चंद्रभूषण ने इस पुस्तक में बेहद सहज भाव से विगत छह दशकों के भारतीय राज-समाज और पत्रकारिता का जीवंत दृश्य उत्पन्न किया है. इस नाते यह आत्मकथात्मक सामयिक लेखन-शैली का दिलचस्प प्रयोग है. लिहाजा, एक अवश्य पढ़ी जाने लायक पुस्तक के बतौर इसकी अनुशंसा करना जरूरी लगा. अंतिका प्रकाशन से आई यह पुस्तक ‘अमेजन‘ पर भी उपलब्ध है.

नक्सलबाड़ी आंदोलन के कई पहलू अब भी अनछुए हैं

आजादी के बाद भारत की राजनीति, समाज और पत्रकारिता पर गहरा असर डालने वाले कई आंदोलन हुए. इनमें नक्सलबाड़ी आंदोलन को सबसे खास माना जाता है. उस पर अब तक चाहे जितना भी लिखा जा चुका हो, कई पहलू अब भी अनछुए हैं. इस पुस्तक में ऐसी अनगिनत परतों के धागे मिलते हैं जिन पर विस्तार से लिखा जाना शेष है. इन दिनों किसी भी प्रतिरोधी स्वर को ‘अर्बन नक्सल‘ कहना आम हो गया है. लेकिन यह पुस्तक वास्तविक ‘अर्बन नक्सल‘ के उदय और उनकी कार्यशैली का प्रत्यक्ष उदाहरण है. यूपी के लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद जैसे शहरों से निकले नौजवानों ने बिहार के धधकते खेल-खलिहानों में जाकर नक्सल आंदोलन को बौद्धिक धार प्रदान की. इस यात्रा से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों और संदर्भों को इस पुस्तक में बेहद रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है. भारत में क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आंदोलन के सर्वाधिक चमकदार चेहरे कामरेड विनोद मिश्र से जुड़े कई अनसुने किस्से भी इसमें शामिल हैं. देश के कई प्रमुख पत्रकारों और मीडिया संस्थानों से जुड़े संस्मरण भी महत्वपूर्ण हैं.

यह पुस्तक नक्सल आंदोलन तक सीमित नहीं

लेकिन यह पुस्तक नक्सल आंदोलन तक सीमित नहीं. यही वह दौर था, जब देश में मंडल और कमंडल की राजनीति गर्म हुई. उत्तर भारत में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज होने का गहरा असर राजनीति के साथ ही पत्रकारिता पर भी होता चला गया. हिंदी पट्टी के गांवों के बदहाल आर्थिक परिवेश से निकला एक नौजवान अपने जमीनी कार्यकर्ता जीवन से निकलकर राजधानी के प्रमुख मीडिया संस्थानों में पत्रकारिता की भूमिका निभाता है. उसकी इस यात्रा में देश और समाज की अनकही कहानियां भी सुनी जा सकती हैं. पत्रकारिता के कई नामचीन चेहरों से जुड़े दिलचस्प किस्से और खुलासे हैं इस पुस्तक में. उसी तरह, जैसे कम्युनिस्ट आंदोलन और छात्र आंदोलन से जुड़े कई प्रमुख व्यक्तित्वों से जुड़े प्रसंग बेहद सहज कथाओं के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं. कई गुमनाम लोगों के बारे में भी उपयोगी जानकारी है. दिलचस्प बात यह है कि इन चीजों को सनसनी या रहस्योद्घाटन बनाने के बदले चंद्रभूषण ने अपनी स्मृतियों का अंग बनाते हुए एक कहानी के अंदाज में लिख डाला है.

हिंदी पट्टी को समझने के लिए बेहद प्रासंगिक पुस्तक

खास तौर पर भोजपुर जिले से जुड़े नक्सल आंदोलन के कई अनसुने प्रसंग इस पुस्तक में मिल जाएंगे. भोजपुर की माटी के बहाने बिहार के जातीय-सामाजिक समीकरणों और उसमें सांप्रदायिकता की चाशनी लपेटने की साजिशों के प्रसंग भी हैं. इन चीजों को जानना आज के भारत खासकर हिंदी पट्टी को समझने के लिए बेहद प्रासंगिक होगा. ‘एक कार्यकर्ता की कहानी‘ का अंत किसी वेब सिरीज की तरह अगले सीजन के इंतजार के लिए प्रेरित करता है. महानगर में रहते मध्यवर्गीय परिवारों की जिंदगी के झमेले भी दिख जाएंगे इस किताब में. कोरोना काल में लेखक ने अपनी सोसाइटी के व्हाट्सअप ग्रूप में आए नफरती मैसेज के बहाने आज का भारत दिखाया है. किसी देसी चंगेज खां या देसी नादिरशाह के इंतजार का चिरंतन स्वप्न काफी डरावना है. यह रास्ता हमें कहां ले जाएगा, इस पर सोचने का जिम्मा पाठकों पर रख छोड़ा है लेखक ने.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें