World Poetry Day : दुनिया भर में 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन कविता के सभी रूपों के साथ साहित्य के उत्सव को समर्पित है. इसे कविता के महत्व को पहचानने और अभिव्यक्ति और संचार के साधन के रूप में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. वर्ष 1999 में यूनेस्को की पहल पर यह दिन मनाने की शुरुआत हुई. यूनेस्को का संदेश था-‘ यह दिन दुनिया भर में कविता पढ़ने, लिखने, इसके प्रकाशन और शिक्षण को बढ़ावा देने एवं कविता के क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आंदोलन को नयी पहचान और प्रोत्साहन देने के लिए है.
विश्व कविता दिवस 2024 की थीम
विश्व कविता दिवस 2024 की थीम है- ‘विशाल कंधों पर खड़े होना’. यह थीम अतीत के प्रतिष्ठित लेखकों पर प्रकाश डालती है, जिनका लेखन पथप्रदर्शक के तौर पर विभिन्न संस्कृतियों में कविता को आगे बढ़ा रहा है. विश्व कविता में कई विशाल कंधे मौजूद हैं. हम जब इन विशाल कंधों की ओर मुड़ कर देखते हैं, तो एक लंबी परंपरा नजर आती है. पढ़ें इस परंपरा को रचने वाले चुनिंदा विश्व कवियों के कविता पर विचार –
कविता करती है एक बेहतर दुनिया का निर्माण
-”एक व्यक्ति का जन्म केवल एक ही स्थान पर हो सकता है, लेकिन वह कई बार, कई जगहों में मर सकता है- निर्वासन और जेलों में, कब्जे और उत्पीड़न से दुःस्वप्न में तब्दील हुई मातृभूमि में. कविता शायद वह जरिया है, जो हमें आकर्षक भ्रम को पोषित करना सिखाती है, वह सिखाती है कि कैसे खुद से बार-बार पुनर्जन्म लिया जाये और शब्दों का उपयोग करके एक बेहतर दुनिया का निर्माण किया जाये, एक काल्पनिक दुनिया जो हमें स्थायी और व्यापक शांति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम बनाती है… जीवन के साथ.’ – महमूद दरवेश, फिलिस्तीनी कवि
मैंने कविता को नहीं, कविता ने मुझे ढूंढा
”मैंने कविता को नहीं पाया, बल्कि कविता ने मुझे ढूंढा है. मैं उस उम्र में था और कविता आ गयी. मैं नहीं जानता यह कहां से आयी, सर्द मौसम से या किसी नदी से, मैं नहीं जानता कि कैसे या कब, वहां कोई आवाज नहीं थी, न शब्द, न मौन, लेकिन एक सड़क से इसने मुझे बुलाया, रात की शाखाओं से, सहसा, भड़कती आग के बीच, अकेले लौटते हुए यह मिली, इसकी कोई शक्ल नहीं थी और इसने मुझे छू लिया.” – पाब्लो नेरुदा, लैटिन अमेरिकी कवि
कविता के लिए कई जगहों में आवाजाही है जरूरी
”कविता महज भावनाएं और अनुभव भर नहीं हैं. एक कविता के लिए आपको कई शहर, कई लोग और चीजें देखनी होंगी. आपको जानना होगा कि सुबह खिलते समय छोटे फूल कैसी भाव-भंगिमाएं बनाते हैं. आपको पड़ोस की अनजान सड़कों, अप्रत्याशित मुठभेड़ों और उन अलगावों के बारे में ठहर कर सोचने में सक्षम होना होगा, जिन्हें आप लंबे समय से देख रहे हैं. आपको बचपन के उन दिनों में आवाजाही करनी होगी, जिनका रहस्य अभी भी अस्पष्ट है. समुद्र के किनारे की सुबहों से लेकर समुद्री यात्रा की रातों तक जाना होगा… और यह भी पर्याप्त नहीं है.” – रेनर मारिया रिल्के, ऑस्ट्रियाई कवि.
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