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Gyanvapi Case: गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका खारिज, हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष दायर जनहित याचिका में, याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को एएसआई सर्वेक्षण को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने का निर्देश देने की मांग की, ताकि 'गैर-हिंदुओं द्वारा हिंदुओं को कोई नुकसान न पहुंचाया जा सके.

Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में दोनों पक्ष अपना केस मजबूत करने के लिए दलील देने में जुटे हैं. इस बीच मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में इलाहाबाद हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया गया है. इसमें वादिनी राखी सिंह ने गैर हिंदुओं से संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर को सुरक्षित करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया था. प्रकरण में वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल करने की छूट दी गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. इसमें जिला अदालत के एएसआई सर्वेक्षण के आदेश को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

प्रकरण में हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले में मंगलवार को सुनवाई की.

हिंदू पक्ष ने किया ये दावा

जनहित याचिका में कहा गया था कि वाराणसी में श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर के सदियों पुराने अवशेषों को बचाना है. वर्तमान में ये ज्ञानवापी परिसर है. याचिका में दावा किया गया कि विवादित स्थल (सेटलमेंट प्लॉट नंबर 9130 वार्ड और दशाश्वमेघ वाराणसी) पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था, जहां भगवान शिव ने स्वयं ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी.

हिंदू पक्ष का दावा है कि वर्ष 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था. कहा गया कि मंदिर को नष्ट करने के बाद मुसलमानों ने अनधिकृत रूप से मंदिर परिसर में अतिक्रमण किया और एक संरचना बनाई जो कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद है.

इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष दायर जनहित याचिका में, याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को एएसआई सर्वेक्षण को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने का निर्देश देने की मांग की , ताकि ‘गैर-हिंदुओं द्वारा हिंदुओं को कोई नुकसान न पहुंचाया जा सके.

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इसमें यह भी आग्रह किया गया कि ज्ञानवापी मुद्दे पर वाराणसी की जिला अदालत में लंबित मुकदमों के निपटारे तक गैर-हिंदुओं को परिसर में ‘पुराने मंदिर क्षेत्र’ में प्रवेश करने से रोका जा सकता है. याचिका जितेंद्र सिंह ‘विसेन’, राखी सिंह और कुछ अन्य लोगों ने दायर की है.

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि अदालत में याचिका में राखी सिंह ने मुस्लिम पक्ष पर ज्ञानवापी परिसर में हिंदू प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाया है और यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे परिसर की सुरक्षा की मांग की है कि ये प्रतीक खो न जाएं.

मुसलमानों के प्रवेश पर रोक की मांग

बिसेन ने कहा, ज्ञानवापी में मुसलमानों के प्रवेश पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए ताकि पुरातात्विक सर्वेक्षण का काम बिना किसी बाधा के किया जा सके. राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक भी हैं. हालांकि इस प्रकरण में हाईकोर्ट हिंदू पक्ष की याचिका पर फैसला देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी गई.

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