Prayagraj: उमेश पाल हत्याकांड के एक आरोपी अरबाज की सोमवार को पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है. वारदात के दौरान अरबाज गाड़ी चला रहा था. प्रयागराज के सलापुर निवासी अरबाज की अतीक अहमद का बेहद करीबियों में गिनती होती थी. वहीं वारदात के अन्य हमलावरों की तलाश में विभिन्न स्थानों पर दबिश का सिललिला जारी है.
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हमलावरों ने जिस क्रेटा गाड़ी को उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल किया था, उसे अरबाज ही चला रहा था.
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गाड़ी बरामद होने के बाद इंजन और चेचिस नंबर से पुलिस आरोपी अरबाज तक पहुंच गई.
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पुलिस को सोमवार दोपहर पीपल गांव क्षेत्र में अरबाज के होने की सूचना मिली.
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पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की, पुलिस को देखकर अरबाज ने फायरिंग की.
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एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक जवाबी फायरिंग में अरबाज घायल हुआ.
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अस्पताल में अरबाज को मृत घोषित कर दिया गया.
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मुठभेड़ में धूमनगंज इंस्पेक्टर के दाहिने हाथ में भी गोली लगी है, उनकी हालत खतरे से बाहर है.
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हत्याकांड में शामिल अन्य हमलावरों का भी एसटीएफ-पुलिस सुराग तलाशने में जुटी है.
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प्रयागराज से बाहर जाने वाले रास्तों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है.
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प्रयागराज बॉर्डर पर विशेष नजर रखी जा रही है.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक अरबाज के पास से पुलिस को एक पिस्टल मिली. उमेश पाल हत्याकांड के समय प्रयोग होने वाली गाड़ी का चालक अरबाज ही था. अरबाज ने वारदात के दौरान फायरिंग भी की थी. घायल हालत में उपचार के दौरान अरबाज की मौत हो गई.
दि0 24/2/23 को गवाह उमेश पाल की नृशंस हत्या का आरोपी अरबाज़ @prayagraj_pol से प्रयागराज में हुई मुठभेड़ में घायल होने के उपरांत अस्पताल में मृत घोषित हुआ है।#UPPolice माफियाओं एवं अपराधियों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख़्त कार्यवाही करेगी।
Prashant Kr. ADG LO UP
1/2 pic.twitter.com/kBgaVVOIxq— UP POLICE (@Uppolice) February 27, 2023
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उमेश पाल हत्याकांड के बाद एसटीएफ और यूपी पुलिस हमलावरों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. इस मामले में 40 से ज्यादा संदिग्ध हिरासत में लिए गए हैं. अतीक अहमद के करीबियों से पूछताछ रही है. इसी बीच अतीक अहमद के घर के पास से सफेद रंग की क्रेटा कार बरामद हुई, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया. ये कार अतीक अहमद के घर से कुछ दूरी पर खड़ी मिली. कार में नंबर प्लेट भी नहीं है.
कहा जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर कार को अतीक अहमद के घर के पास छोड़कर फरार हो गए. उमेश पाल की हत्या करने आए सात में से दो शूटर अतीक अहमद गैंग के बताए जा रह हैं. हमलावरों की लोकेशन तलाशने के दौरान ही एसटीएफ को अरबाज का सुराग मिला और धूमनगंज में हुई मुठभेड़ में हत्याकांड को लेकर पुलिस को सोमवार को पहली सफलता मिली.
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. अतीक गैंग ने कई बार उमेश पाल को धमकाया और साजिश रची. लेकिन, उमेश पाल नहीं डरे. इसके बाद 24 फरवरी को सनसनीखेज तरीके से वारदात को अंजाम देते हुए उमेश पाल और उनके सरकारी गनर की हत्या कर दी गई.
वारदात को पूरी योजना बनाकर अंजाम दिया गया. हमलावर उमेश पाल की गाड़ी का पीछा कर रहे थे. उमेश पाल को सात गोलियां मारी गई थी. हत्याकांड में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर परधूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम साथ ही नौ अन्य साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
25 जनवरी 2005 के दिन गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व शहर पश्चिमी के बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल एसआरएन अस्पताल से वापस आ रहे थे. वह गाड़ी स्वयं चला रहे थे, इसमें संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे. दूसरे वाहन में उनका चालक महेंद्र, ओमप्रकाश व अन्य तीन लोग सवार थे. राजू पाल स्वयं वाहन चला रहे थे. इसी वाहन में संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे.
सुलेमसराय इलाके में राजू पाल के वाहन से एक वाहन आगे निकला और उसमें सवार हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी. राजू पाल को इतनी गोली मारी गई कि वाहन में ही उनका शरीर छलनी हो गया. हमलावरों ने दूसरे वाहनों पर भी फायरिंग की और फरार हो गए. हमले में राजू पाल, संदीप यादव और देवीलाल की मौत हो गई. राजू पाल हत्याकांड में उनकी पत्नी पूजा ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ व तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.