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पूर्णिया में फाइलेरिया की दवा खाने के बाद तीन दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे बीमार, विधायक ने की जांच की मांग

पूर्णिया में सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत विद्यालयों में फाइलेरिया एवं कृमि की दवा खिलाने के क्रम में तीन दर्जन से अधिक स्कूली बच्चों की तबीयत खराब हो गयी. दवा खाने के बाद बच्चों के बीमार होने की सूचना पर विधायक अख्तरूल इमान ने भी अस्पताल का दौरा किया.

पूर्णिया में सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के बाद तीन दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे बीमार पड़ गये. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा में सभी बच्चों को भर्ती कराया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैसा के चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अभी सभी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार है. सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. जानकारी के अनुसार, बुधवार को अभियान के तहत विद्यालयों में फाइलेरिया एवं कृमि की दवा खिलाने के क्रम में दिन में 12 बजे तीन दर्जन से अधिक स्कूली बच्चों की तबीयत खराब हो गयी. उन सभी बच्चों को आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा में भर्ती कराया गया. वहां चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया. शाम होने तक अधिकांश बच्चों की तबीयत में सुधार नजर आया.

परिजनों में मची अफरातफरी

बच्चों के बीमार होने की सूचना जैसे ही उनके अभिभावकों को हुई परिजनों में घबराहट फैल गई. सभी जैसे-तैसे भागकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा पहुंचे. अस्पताल के भीतर और बाहर परिजनों की भारी भीड़ लग गई. बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार देख परिजनों ने राहत का सांस ली.

पुलिस बल के साथ एसडीओ ने किया कैंप

वहीं घटना की सूचना मिलते ही बायसी एसडीओ कुमारी तोसी , बायसी डीएसपी आदित्य कुमार, इंसपेक्टर सुरेन्द्र मोहन विश्वास, रौटा थानाध्यक्ष ज्ञान रंजन, अनगढ़ थानाध्यक्ष सोफिया प्रवीण सहित अमौर, बायसी, एवं डगरूआ थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होने तक अस्पताल परिसर में पुलिस बल मौजूद रहा.

विधायक ने की जांच की मांग

सर्वजन दवा सेवन अभियान की दवा खाने के बाद बच्चों के बीमार होने की सूचना पर विधायक अख्तरूल इमान ने भी अस्पताल का दौरा किया. इस मौके पर विधायक अख्तरुल इमान ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते इस तरह की घटना घटित हुई है. इस मामले पर उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों व परिजनों से संयम रखने की अपील की. इसके अलावा पूर्व विधायक सबा जफर व प्रखंड प्रमुख शमीम अख्तर उर्फ लाल बाबू भी अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.

बोले सिविल सर्जन

सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के अंतर्गत दवा खाने से कुछ बच्चों को समस्या हुई. दरअसल, यह दवा कृमि में भी काम करती है. इसलिए कृमिग्रस्त बच्चों को कुछ असहजता हुई. पर ज्यादातर बच्चों में सहपाठी बच्चों की परेशानी देख बालमन की वजह से बेचैनी की स्थिति पैदा हुई. पूरे जिले में आज यह अभियान सफलतार्पूवक शुरू हुआ है. इसलिए इस मसले को लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है.

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अमौर प्रखंड क्षेत्र में फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से बच्चे बीमार

जिले के अमौर प्रखंड क्षेत्र में फाइलेरिया की दवा खाने से बीमार हुए बच्चों को रेफरल अस्पताल अमौर में भर्ती कराया गया है. रेफरल अस्पताल अमौर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ए हक ने बताया कि गर्मी के कारण कुछ बच्चों में उल्टी के लक्षण हुए हैं. अभी सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. ज्यादातर बच्चे घर जा चुके हैं. कुछ बच्चे का बेहतर इलाज अस्पताल में चल रहा है. अमौर प्रखंड के मध्य विद्यालय डहुआबारी, मध्य विद्यालय खरहिया, मध्य विद्यालय इस्लामपुर, कन्या प्राथमिक विद्यालय खरहिया, प्राथमिक विद्यालय बहादरपुर, मध्य विद्यालय हलालपुर के बच्चों को अस्पताल लाया गया है.

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राज्य के 11 जिलों में फाइलेरिया नियंत्रण का अभियान शुरू

बता दें कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अभियान के तहत बुधवार से राज्य के 11 जिलों में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) की शुरुआत हो गयी है. एमडीए कार्यक्रम में करीब 3.67 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. छह अक्तूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्कूलों में बूथ लगा कर दवा खिलाया जायेगी. साथ ही घर घर जाकर लाभार्थियों को दवा सेवन कराया जायेगा. राज्य के साथ जिलों भोजपुर, बक्सर, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पूर्णिया एवं पटना में दो प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाएं डीइसी और एल्बेन्डाजोल एवं चार जिलों दरभंगा, लखीसराय, रोहतास एवं समस्तीपुर में तीन प्रकार की दवाएं, जिनमें डीइसी , एल्बेन्डाजोल और आइवरमेक्टिन की दवा खिलायी जायेगी. दवा खिलाने का काम स्वास्थ्यकर्मी खुद करेंगे.

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