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झारखंड में कैब सर्विस की तर्ज पर ‘जीवनदूत’ एप के जरिए 108 एंबुलेंस की मिलेगी फ्री सुविधा, ऐसे उठाएं लाभ

झारखंड के लोगों को कैब सर्विस की तर्ज पर 'जीवनदूत' एप के माध्यम से 108 एंबुलेंस की फ्री सुविधा मिलेगी. इस एप के जरिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गयी है. वहीं, एंबुलेंस का सटीम लोकेशन भी मिलेगा. एंबुलेंस के बुक करते ही 50 किलोमीटर के रेंज में हॉस्पिटल सर्विस और ब्लड बैंक की जानकारी भी मिलेगी.

Jharkhand News: स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में लाइफलाइन मानी जाने वाली 108 एंबुलेंस सर्विस भी अब कैब सर्विस की तर्ज पर एक क्लिक पर आपके दरवाजे पर होगी. झारखंड में पांच साल पूरे होने पर इसका संचालन कर रही कंपनी जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड (Jikitza Healthcare Limited) ने नई सुविधाओं को अपने साथ जोड़ा है. जरूरतमंद लोग इसके ‘जीवनदूत’ एप के जरिए 108 एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे.

फ्री एंबुलेंस सर्विस की ऑनलाइन बुकिंग शुरू

सोमवार (25 जुलाई) से एंड्रॉयड एप के जरिए फ्री एंबुलेंस सर्विस की ऑनलाइन बुकिंग करने की सुविधा मिलनी शुरू हो गयी है. एंबुलेंस के बुक करते ही 50 किलोमीटर के रेंज में हॉस्पिटल सर्विस और ब्लड बैंक की जानकारी भी मिल जाएगी, जिससे तत्काल डॉक्टर से भी संपर्क किया जा सकता है.

झारखंड के लोगों को मिलेगा नई सेवा का लाभ

इस नई सेवा की शुरुआत करते हुए कंपनी के सीनियर वाइस प्रसिडेंट सुमित बासु ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर भुवनेश प्रताप सिंह के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह को इसका क्रेडिट दिया. उन्होंने कहा कि इस नई सेवा का लाभ झारखंड के लोगों को मिलेगा.

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रियल टाइम एक्सेस से ट्रैक किया जा सकेगा

एंबुलेंस में रियल टाइम एक्सेस से आपको इसका सटीक लोकेशन मिलेगा. एप बेस्ड एंबुलेंस सर्विस के तहत सभी एंबुलेंस को GPS और GPRS से लिंक किया जा चुका है. एप में मोबाइल नंबर डालने के बाद OTP आएगा, इसे डालते ही संबंधित नंबर एप में रजिस्टर्ड हो जाएगा और GPS की मदद से आपका लोकेशन शेयर हो जाएगा. इसके जरिए एंबुलेंस के लिए इंतजार कर रहे मरीजों को टाइम की सही जानकारी मिल सकेगी. इससे पारदर्शिता के साथ ही गंभीर मरीजों की काफी जान बचायी जा सकेगी.

मरीजों को रोजाना 337 एंबुलेंस पहुंचाती है अस्पताल

जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड ने कहा कि उनकी सेवा झारखंड में नवंबर 2017 में शुरू की गई थी. राज्य में वह 337 एंबुलेंस का संचालन करती है. इसमें 287 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है, जबकि 40 एडवांस लाइफ सपोर्ट वाले एंबुलेंस है.

साढ़े चार साल में 8.37 लाख लोगों की सहायता की

झारखंड के 8.35 लाख लोगों की सहायता की है. इसमें 39 हजार से अधिक कोविड संक्रमितों को समय पर अस्पताल पहुंचाया है. 10 एंबुलेंस प्रदेश में हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए आरक्षित की गई हैं जो EMRS सुविधा वाले 108 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर से जुड़ा है.

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कैसे काम करेगा 108 एंबुलेंस सर्विस

जीवनदूत एप को एंड्रॉयड मोबाइल में प्ले स्टोर से इंस्टाल करना होगा. इसके बाद अपना लोकेशन डालने के बाद एंबुलेंस की बुकिंग की जा सकेगी. वहीं, एंबुलेंस को ट्रैक भी किया जा सकेगा कि वह कहां पहुंची है. इसके अलावा 108 पर कॉल कर उसे बुलाने की फैसिलिटी पूर्ववत तरीके से जारी रहेगी, जिसमें कॉल करने के बाद नजदीकी एंबुलेंस को इसकी सूचना दी जाएगी. इसकी पूरी मॉनिटरिंग एक जगह से होगी, जिससे कि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.

108 एंबुलेंस से लोगों को मिला लाभ

एंबुलेंस के जरिए 3,61,101 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया है. वहीं, 2,33,360 न्यू नेटल बेबी को अस्पताल से घर पहुंचाया गया. इसके अलावा 1,46,464 एक्सीडेंट केस को गोल्डन आवर में नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया. हर साल 8,461 बच्चों का जन्म एंबुलेंस के अंदर हो रहा है. अर्बन क्षेत्र में एंबुलेंस के पहुंचने का औसत समय 15 : 26 सेकेंड रहा है, जबकि रूरल (ग्रामीण) क्षेत्र में एंबुलेंस के पहुंचने का औसत समय 21 : 30 सेकेंड रहा है.

Posted By: Samir Ranjan.

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