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झारखंड के कई विवि/कॉलेजों की ऑटोनोमस की अवधि खत्म, फंड पर होगा संकट

झारखंड के कई विवि और कॉलेजों की नैक से मान्यता व ऑटोनोमस दर्जा की अवधि पूरी हो गयी है. यूजीसी के नियमानुसार, ऑटोनोमस का दर्जा नहीं रहने और नैक से मान्यता नहीं रहने के कारण सरकारी अनुदान से वंचित होना पड़ेगा.

झारखंड के कई विवि और कॉलेजों की नैक से मान्यता व ऑटोनोमस दर्जा की अवधि पूरी हो गयी है. यूजीसी के नियमानुसार, ऑटोनोमस का दर्जा नहीं रहने और नैक से मान्यता नहीं रहने के कारण सरकारी अनुदान से वंचित होना पड़ेगा. ऑटोनोमस विस्तार के लिए प्रक्रिया पूरी करनी होगी. विस्तार नहीं मिलने की स्थिति में कॉलेज की डिग्री की वैधता, परीक्षा संचालन व अन्य काम-काज में तकनीकी अड़चनें आ सकती हैं. यूजीसी द्वारा फंड मिलने की भी संभावना कम हो जायेगी.

झारखंड के पांच संस्थानों को ऑटोनोमस का दर्जा :

यूजीसी जारी सूची के मुताबिक झारखंड में पांच कॉलेजों को ऑटोनोमस का दर्जा दिया गया. इनमें जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज का ऑटोनोमस का दर्जा 2020 में समाप्त हो गया, लेकिन यूजीसी द्वारा उक्त कॉलेज को अपग्रेड कर जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी का दर्ज दिया गया है. इसी प्रकार रांची कॉलेज का ऑटोनोमस का दर्जा 2021 में समाप्त हो गया, हालांकि इस कॉलेज को विवि का दर्जा देकर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि बनाया गया है.

रांची विवि अंतर्गत मारवाड़ी कॉलेज का ऑटोनोमस दर्जा 2021 में समाप्त हो गया है. वहीं रांची वीमेंस कॉलेज का ऑटोनोमस का दर्जा अगस्त 2022 में समाप्त हो गया है. इसी प्रकार संत जेवियर्स कॉलेज का भी ऑटोनोमस का दर्जा इस वर्ष समाप्त हुआ है. ऑटोनोमस विस्तार के लिए इन कॉलेजों ने यूजीसी के पास प्रस्ताव भेजकर विस्तार करने का आग्रह किया है. नियमानुसार अवधि पूरी होने के बाद यूजीसी विशेषज्ञ टीम पर निर्भर है कि किसी कॉलेज को ऑटोनोमस का दर्जा देना है या नहीं. अगर दर्जा देने पर सहमति बनती है, तो उन्हें अवधि पूरी होने की तिथि से विस्तार देने का प्रावधान भी है.

विश्वविद्यालयों की नैक की मान्यता भी हुई खत्म

रांची विवि की नैक की मान्यता एक मई 2022 को ही समाप्त हो गयी है. इसी प्रकार विनोबा भावे विवि की नैक से मान्यता 16 मार्च 2021 को समाप्त हो गयी है. कोल्हान विवि की मान्यता 24 मई 2021 को समाप्त हो गयी है. सिदो-कान्हू मुर्मू विवि की मान्यता एक नवंबर 2023 में समाप्त होगी. विवि द्वारा पुन: मान्यता प्राप्त करने के लिए कार्रवाई शुरू की गयी है. इधर राज्य सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि सभी विवि और कॉलेजों को 2023 तक नैक से मान्यता प्राप्त कर लेनी है. मान्यता नहीं रहने पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) की तरफ से अनुदान नहीं दिये जायेंगे.

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