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झारखंड में प्रखंड कोविड टास्क फोर्स का होगा गठन, ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने का है प्रयास

Jharkhand News (रांची) : झारखंड की हेमंत सरकार गांवों मे कोरोना संक्रमण का फैलाव को रोकने कि लिए प्रखंड कोविड टास्ट फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी डीसी को आदेश जारी किया है. यह टास्क फोर्स प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होगी.

Jharkhand News (रांची) : झारखंड की हेमंत सरकार गांवों मे कोरोना संक्रमण का फैलाव को रोकने कि लिए प्रखंड कोविड टास्ट फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी डीसी को आदेश जारी किया है. यह टास्क फोर्स प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होगी.

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में कुछ कमी आयी है. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण और कोरोना से संभावित मौतें की भी सूचनाएं प्राप्त हाे रही है. इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को अपेक्षाकृत मजबूत करने की जरूरत है.

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच, ससमय जांच परिणाम, समुचित संख्या में सुव्यवस्थित आइसोलेशन केंद्र की स्थापना, समुचित उपचार एवं जागरूकता संबंधी प्रभावी कार्य योजना बनाने की दिशा में प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड कोविड टास्क फोर्स का गठन होगा.

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प्रखंड कोविड टास्क फोर्स में कौन होंगे शामिल

पदाधिकारी : पद

प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी : अध्यक्ष

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी : सदस्य सचिव

बाल विकास परियाेजना पदाधिकारी : सदस्य

थाना प्रभारी : सदस्य

महिला पर्यवेक्षक, समाज कल्याण : सदस्य

प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (JSLPS) : सदस्य

प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी : सदस्य

प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी : सदस्य

प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी : सदस्य

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच

प्रखंड स्तर पर उक्त प्रखंड में कार्यरत समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों की आंगनबाड़ी सेविकाओं, आंगनबाड़ी सहिया एवं बहुद्देशीय कार्यकर्ताओं को रैट आधारित कोरोना जांच का प्रशिक्षण प्रदान किया जाये. इस क्रम उन्हें समुचित संख्या में नि:शुल्क होम आइसोलेशन किट उपलब्ध करा दिया, ताकि उनके कार्य क्षेत्र में इस प्रकार के संक्रमण की संभावित सूचना मिलते ही प्रारंभिक चिकित्सा शुरू की जा सके.

प्रत्येक पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका/सहियाओं के दो-दो दल गठित किये जाये. जिसमें एक दल रैट जांच तथा दूसरा दल कोरोना जांच की जांच करेगी. यह भी सुनिश्चित कर लिया जाये कि इन कर्मियों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं.

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प्रखंड स्तर से पंचायत स्तरीय जांच दल को रैट किट, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल गन आदि उपलब्ध करा दी जाये. उक्त पंचायत के गांवों में कोरोना संक्रमण की बढ़ते संख्या को देखते हुए प्राथमिकता तय करते हुए ग्रामवार जांच रोस्टर तैयार कर लिया जाये. जांच दल के सभी सदस्यों द्वारा हर समय मास्क पहनना सुनिश्चित करना चाहिए.

रैपिड एंटिजन टेस्ट करने के क्रम में प्रखंड स्तर पर एंबुलेंस वैन या अन्य वाहन की सेवाएं प्राप्त की जा सकती है, ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्रभावित गांव, दुर्गम तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त विशेष जांच दल भेजते हुए जांच करायी जा सके. साहिया साथी सभी होम आइसोलेशन में रोगियों की सूची संकलित करेंगी और उन्हें दवाओं के वितरण और परामर्श के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी या एएनएम के साथ भी साझा करेंगी. इसके अलावा आइसोलेशन केंद्रों की स्थापना तथा समुचित संचालन, प्रत्येक प्रखंड स्तर पर एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करना, मृत्यु की स्थिति में शवों का प्रबंधन, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रचार प्रसार, दैनिक प्रतिवेदन पर भी विशेष जोर दिया जायेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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