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बोर्ड, निगम और 20 सूत्री कमेटी का खाका तैयार, गठबंधन दलों की बनेगी कमेटी

राज्य में सत्ताधारी गठबंधन दलों के बीच बोर्ड, निगम और 20 सूत्री कमेटी सहित निगरानी समिति को लेकर सहमति बनाने की कोशिश शुरू हो गयी है. इनका खाका जल्द तैयार होगा.

रांची : राज्य में सत्ताधारी गठबंधन दलों के बीच बोर्ड, निगम और 20 सूत्री कमेटी सहित निगरानी समिति को लेकर सहमति बनाने की कोशिश शुरू हो गयी है. इनका खाका जल्द तैयार होगा. सरकार में शामिल झामुमो, कांग्रेस और राजद के बीच पदों का बंटवारा होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चा भी हुई है.

नेताओं के बीच सहमति बनी है कि बोर्ड, निगम से लेकर 20 सूत्री में पदों के बंटवारे को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाये. यह कमेटी गठबंधन दलों के बीच बंटवारे का फॉर्मूला तैयार करेगी. गठबंधन दलों के वरीय नेताओं को कमेटी में शामिल किया जायेगा. सूचना के मुताबिक कांग्रेस की ओर से कमेटी में चार लोग शामिल किये जा सकते हैं.

दो-ढाई हजार लोगों को कर सकते हैं शामिल : 20 सूत्री कमेटी में गठबंधन के दल बड़ी संख्या में अपने-अपने लोगों को जगह दे सकते हैं. प्रदेश से लेकर प्रखंड स्तर पर दो से ढाई हजार लोग 20 सूत्री कमेटी में शामिल किये जा सकते हैं. प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री 20 सूत्री के अध्यक्ष होते हैं. वहीं, वर्तमान में स्टीफन मरांडी को उपाध्यक्ष बनाया गया है. प्रदेश कमेटी में राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल होते हैं. जिला में प्रभारी मंत्री पदेन अध्यक्ष होते हैं. वहीं, उपाध्यक्ष में पार्टियां अपने लोगों को जगह देंगी. प्रखंड स्तर पर भी दर्जनों लोगों को जगह मिल सकती है.

राज्य में तीन दर्जन से ज्यादा हैं बोर्ड-निगम : बोर्ड-निगम को लेकर भी राजनीतिक दलों में दावेदारी है. राज्य में तीन दर्जन से ज्यादा बोर्ड व निगम हैं. सरकार में बोर्ड-निगम के बंटवारे का पेच भी सुलझाने की कोशिश होगी.

जिला व प्रखंड स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को करेंगे एडजस्ट : जिलावार बंटेगी बीस सूत्री कमेटी : 20 सूत्री कमेटी का जिलावार बंटवारा होगा. गठबंधन दलों के बीच जनाधार के आधार पर जिले का बंटवारा किया जायेगा. जिला में अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री होंगे. वहीं, उपाध्यक्ष अलग-अलग दल से होंगे. गठबंधन के अंदर 20 सूत्री कमेटी के बंटवारे में समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जायेगी. इसी फॉर्मूले पर निगरानी कमेटी का बंटवारा होगा.

लंबे समय से नहीं बनी निगरानी समिति : राज्य में निगरानी समिति का गठन बाबूलाल मरांडी की सरकार में हुआ था. इसके बाद किसी भी सरकार ने निगरानी समिति का गठन नहीं किया. यदि राज्य में जिला स्तर पर निगरानी समिति बनी, तो इसमें भी सैकड़ों लोगों को जगह मिलेगी.

गठबंधन दलों के बीच 20 सूत्री से लेकर दूसरे मुद्दे पर चर्चा हुई है. इसको लेकर गठबंधन में सहमति बनायी जायेगी. प्रदेश के नेता मिल बैठ कर निर्णय लेंगे. प्रदेश प्रभारी के दिशा-निर्देश में पार्टी अपनी भूमिका तय करेगी. पार्टी की कोशिश है कि सरकार के कामकाज में कार्यकर्ता अपनी भूमिका निभाएं.

– राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस

Posted by : Pritish Sahay

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