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चार्टर प्लेन से लाये जायेंगे झारखंड के मजदूर : सीएम

प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाने की सरगरमी तेज हुई है. झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए 140 श्रमिक ट्रेनें स्वीकृत हैं. इसमें 65 ट्रेनें झारखंड आयी हैं. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश के दूर-दराज, दुरूह क्षेत्रों में फंसे मजदूरों को भी लाने का प्रयास तेज किया है. लद्दाख और नार्थ इस्ट में फंसे प्रवासियों को चार्टर प्लेन से लाने की बात उन्होंने कही है. इधर एक जून से यात्री ट्रेन भी चलाने का एलान रेल मंत्रालय ने किया है. फिलहाल 200 ट्रेनों में झारखंड को मात्र एक ट्रेन मिली है.

प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाने की सरगरमी तेज हुई है. झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए 140 श्रमिक ट्रेनें स्वीकृत हैं. इसमें 65 ट्रेनें झारखंड आयी हैं. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश के दूर-दराज, दुरूह क्षेत्रों में फंसे मजदूरों को भी लाने का प्रयास तेज किया है. लद्दाख और नार्थ इस्ट में फंसे प्रवासियों को चार्टर प्लेन से लाने की बात उन्होंने कही है. इधर एक जून से यात्री ट्रेन भी चलाने का एलान रेल मंत्रालय ने किया है. फिलहाल 200 ट्रेनों में झारखंड को मात्र एक ट्रेन मिली है.

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र लिख कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को एयरलिफ्ट करके लाया जाये. उन्होंने कहा है कि लद्दाख में 200 और नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में 450 मजदूर फंसे हैं. इससे पूर्व भी सीएम ने अंडमान-निकोबार में फंसे मजदूरों के लिए भी चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था करने की मांग की थी. सीएम ने लिखा है कि पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. इसके कारण आर्थिक गतिविधियां थम गयी हैं. इस कारण प्रवासी मजदूर अब बेरोजगार हो गये हैं.

कामगारों की बड़ी संख्या झारखंड से आते हैं और अब वे अपने गृह राज्य में वापस आना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन फंसे हुए मजदूरों को वापस लाने की अनुमति देने की मांग की गयी थी. मेरे आग्रह को मान लिया गया. इस कारण अब तक 1.5 लाख प्रवासी को हम झारखंड वापस ला सके हैं. इसी दौरान पता चला कि 200 मजदूर लद्दाख के दुर्गम इलाके में फंसे हुए हैं, वहीं 450 मजदूर नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में फंसे हैं. दुर्गम इलाका होने की वजह से इन मजदूरों को ट्रेन या बस से लाना संभव नहीं है.

ऐसे में इन्हें एयरलिफ्ट करके लाना बेहतर विकल्प है. लेकिन, वर्तमान में यह भी संभव नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन में सर्विस और चार्टर्ड विमान के परिचालन पर रोक है. इन स्थितियों को देखते हुए अनुरोध है कि लेह और नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से फंसे इन मजदूरों को वापस लाने के लिए चार्टर्ड विमान की मंजूरी दी जाये. उन्होंने लिखा है कि इसी तरह की अनुमति अंडमान निकोबार में फंसे लोगों के लिए भी मांगी गयी थी, जो अब तक नहीं मिली. इस पर भी अग्रेतर कार्रवाई की जाये.

कहां कितने मजदूर फंसे हैं जिन्हें एयरलिफ्ट किया जाना है.

  • अंडमान निकोबार-448

  • अरुणाचल प्रदेश-216

  • मेघालय-63

  • नगालैंड-52

  • सिक्किम-51

  • त्रिपुरा-466

  • मणिपुर-45

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