रांची : नदी व तालाबों में छठ पूजा करने की अनुमति देने के पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक हुई. कोरोना को देखते हुए छठ महापर्व के सुरक्षित आयोजन को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ. कुछ अधिकारियों का कहना था कि छठव्रती अपने-अपने घरों में ही पूजा करना पसंद कर रहे हैं.
घाटों पर पूजा करने की अनुमति को लेकर केवल राजनीतिक दल के लोग ही प्रदर्शन कर रहे हैं. आम लोग अपने-अपने घरों में तैयारी कर रहे हैं. प्राधिकार की बैठक में बिहार समेत अन्य राज्यों द्वारा छठ महापर्व को लेकर जारी एडवाइजरी पर भी विचार विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व लोक आस्था से जुड़ा हुआ है. चार दिनों तक चलनेवाले इस महापर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.
संध्याकालीन अर्घ्य और प्रातः कालीन अर्घ्य के लिए के लिए नदियों, तालाबों, डैम, झील और अन्य वाटर बॉडीज में श्रद्धालु जुटते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां सतर्कता और सुरक्षित तरीके से छठ महापर्व के आयोजन को लेकर पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. सीएम ने कहा कि जो लोग छठ पूजा तालाब या नदी में करना चाहते हैं उन्हें जाने दिया जाये, पर लोगों से अपील भी की जाये कि घरों में ही छठ का आयोजन करें.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह पर्व लोक आस्था के साथ जुड़ा हुआ है. ऐसे में जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए सुरक्षित माहौल में नदियों ,तालाबों, डैम आदि में अर्घ्य देने के लिए पहले से जारी किये गये दिशा निर्देशों में आंशिक संशोधन किया जाये. उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में कोरोना से बचाव को लेकर जारी अन्य दिशा निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
सीएम के निर्देश के बाद प्राधिकार ने पहले जारी गाइडलाइन में संशोधन करने पर सहमति दी. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी, वित्त विभाग की प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल औऱ कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अब अबू बकर सिद्दीकी ने भी अपनी राय रखी.
posted by : sameer oraon