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Jharkhand: इंजीनियर बीरेंद्र राम की काली कमाई पर परिवार वाला करता है ऐश, ब्रांडेड कपड़े का शौकीन है बेटा

दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी स्थित फ्लैट में छापामारी के दौरान इडी के अधिकारियों को वहां इवीयन ब्रांड के मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं. दिल्ली में रहनेवाला बीरेंद्र राम का बेटा यही मिनरल वाटर पीता है. जांच-पड़ताल के बाद पता चला.

रांची, शकील अख्तर : ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम की काली कमाई पर उसके बेटे नवाबी करते हैं. दुनिया के मशहूर ब्रांड के कपड़े सिर्फ एक बार पहन कर फेंक देते हैं. फ्रांस की कंपनी में बना मिनरल वाटर पीते हैं, जिसकी भारत में कीमत 300 रुपये प्रति लीटर है. प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के अधिकारियों को यह जानकारी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी स्थित बीरेंद्र राम के फ्लैट में छापामारी के दौरान मिली. बीरेंद्र राम के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के बावजूद उसके परिवार के सदस्य दौलत के नशे में चूर हैं.

दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी स्थित फ्लैट में छापामारी के दौरान इडी के अधिकारियों को वहां इवीयन ब्रांड के मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं. दिल्ली में रहनेवाला बीरेंद्र राम का बेटा यही मिनरल वाटर पीता है. जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि यह मिनरल वाटर फ्रांस की कंपनी का है. फ्लैट की तलाशी के दौरान इडी के अधिकारियों ने जब दो बंद कमरों को खोला, तो वे भौंचक रह गये. दोनों कमरों में दुनिया के महंगे ब्रांडों के कपड़े जमीन पर बिखरे पड़े थे. इन कपड़ों को या तो केवल एक बार इस्तेमाल किया गया था, या फिर गंदा होने की वजह से फेंक दिया गया था. जब इडी के अधिकारी कपड़ों की जानकारी ले रहे थे, तो बीरेंद्र राम के बेटे ने तंज करते हुए कहा : कपड़ों को छू कर देख लो. एक शर्ट की कीमत कम से कम 35000 रुपये है. इडी ने बीरेंद्र राम पर नजर रखने के लिए उसके पारिवारिक सदस्यों के फोन को सर्विलांस पर रखा था. इस दौरान उसके पारिवारिक सदस्यों की नवाबी की जानकारी मिली थी. बीरेंद्र राम की पत्नी भी महंगी चीजों की शौकीन है.

कोई सामान मंगाते समय वह निर्देश देती है कि उसे वही सामान चाहिए, जो सबसे महंगा हो. जमशेदपुर स्थित मकान पर छापामारी के दौरान बीरेंद्र राम की पत्नी ने अपनी डाइनिंग टेबल को महंगा बताते हुए उस पर इडी के अधिकारियों को खाना खाने से रोक दिया था. छापामारी के दौरान बीरेंद्र राम की पत्नी और बेटों का बरताव देख इडी के अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि उसके पारिवारिक सदस्यों को अब भी यकीन है कि उन्हें कुछ नहीं होगा. पूरे मामले में लीपापोती हो जायेगी. दूसरी तरफ, बीरेंद्र राम गिरफ्तारी के बाद अपनी जान बचाने के लिए इडी के अधिकारियों के सामने विभाग में चली आ रही वसूली की परंपरा की दुहाई दे रहा है.

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बीरेंद्र राम को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम को इडी द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद उनके निलंबन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. उनका पैतृक विभाग जल संसाधन है. पैतृक विभाग से ही उनका निलंबन आदेश जारी होना है. बीरेंद्र अभी ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन विशेष प्रमंडल में मुख्य अभियंता हैं और ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता के अतिरिक्त प्रभार में हैं. ग्रामीण कार्य विभाग में गुरुवार को इसकी प्रक्रिया शुरू हुई है. शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट जल संसाधन विभाग को भेजे जाने के बाद उनके निलंबन का आदेश जारी हो सकता है.

बीरेंद्र राम के अभियंता रहते ग्रामीण सड़कों के टेंडर में 1.5 फीसदी बढ़ी कमीशन की वसूली

ग्रामीण कार्य विभाग के ठेकेदारों पर धीरे-धीरे वसूली की मार बढ़ती जा रही है. काम लेने के लिए ठेकेदारों को साल भर पहले तक तीन प्रतिशत कमीशन देना पड़ता था, जो अब बढ़कर 4.5% हो चुका है. एक साल से ज्यादा समय से यहां बीरेंद्र राम मुख्य अभियंता हैं. उनके मुख्य अभियंता बनने के बाद से ही वसूली की दर 1.5% बढ़ गयी है. शुरू में एक प्रतिशत दर बढ़ायी गयी. इधर, दो महीने पहले और 0.5% की बढ़ोतरी की गयी. इस तरह ठेकेदारों को एक काम लेने के लिए योजना की लागत का 4.5% देना पड़ रहा है. ये सारे पैसे मुख्य अभियंता कार्यालय के इंजीनियर और कर्मी मिलकर वसूलते हैं.

मनचाहे ठेकेदारों से वसूली

मुख्य अभियंता कार्यालय में करीब डेढ़-दो साल से मनचाहे ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है. इंजीनियर टेंडर निबटारा में मनमानी कर रहे हैं. एल-1 वाले ठेकेदार को हटा कर एल-2 या एल-3 ठेकेदारों काम दिया जा रहा है. इसके लिए ठेकेदारों से अतिरिक्त वसूली हो रही है. रेट के मुताबिक एक, दो से लेकर पांच प्रतिशत तक वसूली हो रही है. इस बार ग्रामीण सड़कों का टेंडर मुख्य अभियंता ने ठेकेदारों के विरोध के बाद भी पैकेज में निकाला. ठेकेदारों का कहना है कि पहले छोटी राशि की योजनाएं निकलती थीं, इससे ज्यादा ठेकेदार आ रहे थे. अब बड़े पैकेज में कम ठेकेदार आयेंगे, तो वसूली में आसानी होगी. इसलिए ऐसा निर्णय लिया गया.

करोड़ों की वसूली

चालू वित्तीय वर्ष में ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के लिए 615 करोड़ का बजट है. प्रावधान के मुताबिक ढाई गुना यानी करीब 1500 करोड़ की योजना ली जा रही है. सिस्टम के मुताबिक 1500 करोड़ में से 4.5% तो मुख्य अभियंता कार्यालय में ही वसूली होनी है. 70 करोड़ ऐसे ही ले लिये जा रहे हैं. एक्सट्रा वसूली को मिला कर आंकड़ा 100 करोड़ से अधिक तक पहुंचेगा. यह केवल मुख्य अभियंता कार्यालय का खेल है.

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