21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मसीहियों की प्रताड़ना के विरोध में सड़क पर ईसाई समुदाय, आर्चबिशप बोले-हमारी एकता को तोड़ना चाहती है कुछ ताकतें

छत्तीसगढ़ और झारखंड में मसीहियों के साथ मारपीट व चर्च में तोड़फोड़ की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ विरोध ईसाई समुदाय के लोग सड़क पर उतरे. राजधानी रांची के गोस्सनर कंपाउंड से शुरू होकर मेन रोड होते हुए मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के निकट पहुंच कर महारैलर सभा में तब्दील हुई.

Jharkhand News: छत्तीसगढ़ और झारखंड में मसीहियों के साथ मारपीट व चर्च में तोड़फोड़ की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ विरोध महारैली निकाली गयी, जिसमें हजारों मसीही शामिल हुए. यह झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन के बैनर तले निकाली गयी. महारैली गोस्सनर कंपाउंड से शुरू होकर मेन रोड होते हुए मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के निकट पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. इस अवसर पर समाज के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये और पक्ष रखा.

हमारी एकता व समन्वय को तोड़ना चाहती हैं कुछ ताकतें : आर्चबिशप

सभा को संबोधित करते हुए आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने कहा कि हम सबको मेल और प्रेम से रहना है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और सरना सभी को. ऐसा इसलिए क्योंकि हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं. हम उसे अलग-अलग नाम देते हैं. अलग-अलग तरह से उसकी पूजा करते हैं, लेकिन हम सभी उसी एकमात्र ईश्वर की संतान हैं . देखा जा रहा है कि हमारे देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो हमारी भाईचारगी, एकता और समन्वय को तोड़ना चाहती हैं. वह हमारे संविधान को कुरेद रही हैं. हमें चाहिए कि हम संविधान का सम्मान करें और उसी के अनुसार जीने का प्रयास करें. एकता में ही शक्ति है.

हर नागरिक के हक के लिए खड़े हैं

बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने कहा कि हम कई सालों से देख रहे हैं कि इस देश में कुछ ऐसी शक्तियां मजबूत हो रही हैं, जो एक धर्म को दूसरे धर्म के विरुद्ध खड़ा कर रही हैं. जो देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहती हैं. ईसाई धर्म एक ऐसा धर्म है, जो दो हजार से ज्यादा सालों से सेवा में लगा है. उन जंगलों में जहां कोई नहीं जाता था, हमने स्कूल खोले हैं. जहां सरकार नहीं पहुंचती थी, हमने अस्पताल खोले. ऐसे कार्यों का विरोध करने वाली शक्तियां ही बोलती हैं कि हम सेवा कर धर्मांतरण करते हैं. कोई व्यक्ति, पार्टी या संगठन हमसे नहीं सकता कि घर वापसी करो. आज हम यहां ईसाइयों के हक के लिए नहीं, बल्कि हर नागरिक के हक के लिए खड़े हैं.

सबको अपने धर्म के अनुपालन का मौलिक अधिकार

विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि संविधान के अनुसार सबको अपने धर्म के अनुपालन का मौलिक अधिकार है. किसी गरीब की सेवा को धर्म परिवर्तन कहना अतार्किक है. आदिवासी क्या इतना मूर्ख है कि एक मुर्गा और एक बोतल में धर्म परिवर्तन कर लेगा? मैं भी राजनीति में हूं, चुनाव लड़ कर आयी हूं. जानती हूं कि आदिवासी इतना समझदार है कि सबसे मुर्गा ले लेता है, पर वहीं ठेपा लगाता है, जहां लगाना है. देश में नफरत फैलायी जा रही है. ताकतों को पहचानने और सही व गलत को समझने की जरूरत है.

अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून बनाने की मांग करेगा मुस्लिम लीग

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन ने कहा कि हिंदूवादी संगठनों द्वारा ईसाई समुदाय के गिरजाघर में तोड़फोड़ करना और ईसाई समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करना संविधान की नजर में जुर्म है. पार्टी ऐसे संगठनों की कड़े शब्दों में निंदा करती है. प्रदेश महासचिव शानुल हक ने कहा कि केंद्र सरकार को अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून पारित करना चाहिए, ताकि अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्थल व लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद लोकसभा में अल्पसंख्यकों खासकर ईसाई और मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा को लेकर आवाज उठायेंगे. अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून बनाने के लिए आवाज उठायेंगे.

राज्यसभा सांसद व अन्य ने भी किया संबोधित

महारैली को राज्यसभा सांसद महुआ माजी, एनडब्ल्यूजीइएल चर्च के बिशप राजीव सतीश टोप्पो, बिशप निस्तार कुजूर, सिख समाज के ज्योति सिंह मथारु, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, जेसीवाइए के महासचिव अलविन लकड़ा सहित कई लोगों ने संबोधित किया. मंच का संचालन जेसीवाइए के केद्रीय अध्यक्ष कुलदीप तिर्की ने किया.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मिलेगा ईसाई महासंघ व कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह झारखंड प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रभाकर तिर्की ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय के धार्मिक स्थल पर लगातार तोड़फोड़ की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्यजनक हैं. क्योंकि वहां कांग्रेस की अपनी सरकार है. जिसे हम अपनी सरकार समझते हैं. छत्तीसगढ़ में हो रही हिंसा आरएसएस व कट्टरवादी हिंदू संगठनों द्वारा प्रायोजित है और आदिवासी समुदाय को कमजोर करने की साजिश है. इसे लेकर जल्दी ही राष्ट्रीय ईसाई महासंघ और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मिलकर हिंसक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग करेगा.

संघ 2.3 प्रतिशत आबादी से भयभीत क्यों : रतन

रांची. टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने छत्तीसगढ़ के चर्च में हुए हमले, धार्मिक प्रतिमाओं को तोड़े जाने और मारपीट की घटना को आरएसएस द्वारा प्रायोजित बताया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के उन्मादी एजेंडे को लागू कर रही है. छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को कुचल रही है. संघ और हिंदुवादी संगठन बतायें कि ईसाई मिशनरियों के भारत आये 200 साल हो गये, पर इसके बाद भी ईसाई धर्म माननेवालों की जनसंख्या 2011 की सरकारी जनगणना के अनुसार सिर्फ 2.3 प्रतिशत ही है. ऐसे में उन्हें किस बात का डर है. मोदी सरकार अविलंब ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लेकर दोषियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें