कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा पेंशनभोगियों को भी महंगाई भत्ता देने पर रोक लगायी जायेगी. केंद्र के अनुरूप ही एक जुलाई 2020 से एक जनवरी 2021 तक महंगाई भत्ते पर रोक लगाने पर विचार किया जा रहा है. एक जनवरी से देय महंगाई भत्ता की अतिरिक्त किस्त का भी भुगतान नहीं किया जायेगा. वित्त विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर रहा है. संभवत: कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर विचार के बाद फैसला कर लिया जायेगा. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा दिये जानेवाले महंगाई भत्ते के अनुरूप ही राज्य सरकार भी महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है. इस कारण महंगाई भत्ता पर रोक भी केंद्र सरकार के अनुरूप ही लगायी जा रही है.
बढ़ते वित्तीय बोझ के कारण लिया फैसला
कोरोना संकट के मद्देनजर देश में लॉकडाउन को लागू हुए गुरुवार को एक महीना पूरा हो गया है. राहत की बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 78 जिले को एक तरह से कोरोना मुक्त बताया है़ हालांकि, कोरोना का असर अब सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ने लगा है. केंद्र सरकार ने बढ़ते वित्तीय बोझ के चलते सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में अगले साल जुलाई तक कोई वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी व 61 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे. करीब एक करोड़ 1.13 करोड़ परिवार इसकी जद में होंगे.
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मौजूदा दर पर मिलता रहेगा महंगाई भत्ता का लाभ
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के मुताबिक कोरोना संकट को देखते हुए महंगाई भत्ते में इस साल पहली जनवरी से मिलनेवाली किस्त को रोकने का निर्णय लिया गया है. साथ ही इस साल पहली जुलाई से और अगले साल पहली जनवरी में दी जानेवाली महंगाई भत्ते की अगली किस्त के भुगतान पर भी रोक लगाने का फैसला लिया गया. हालांकि, कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का लाभ मिलता रहेगा. केंद्रीय कैबिनेट ने जनवरी में महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ा कर 21 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था. नये निर्णय से इस वृद्धि पर भी रोक लग गयी है. अब अगले साल जुलाई तक महंगाई भत्ते की प्रभावी दर 17% ही रहेगी.
आगे की रणनीति
एक जुलाई, 2021 के बाद जब भी सरकार डीए की अगली किस्त जारी करने का फैसला लेगी, उस समय एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 व एक जनवरी, 2021 में प्रभावी महंगाई भत्ते व महंगाई राहत की बढ़ी दर को आगे के लिए इसमें समाहित कर दिया जायेगा. एक जनवरी 2021 से लेकर 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के बकाये का भुगतान नहीं होगा.