Dhanbad Judge Murder Case, रांची न्यूज (राणा प्रताप) : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सीबीआई की ओर से प्रस्तुत जांच की स्टेटस रिपोर्ट देखी. विभिन्न बिंदुओं पर जांच की प्रगति पर अनुसंधानकर्ता के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ. खंडपीठ ने कहा कि जांच तेजी से और पारदर्शी तरीके से की जाये, ताकि दोषी बरी नहीं हो सके.
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान उपस्थित सीबीआई के अनुसंधानकर्ता से कई सवाल पूछे. कई सवालों का संतोषजनक जवाब खंडपीठ को नहीं मिल पाया. अनुसंधानकर्ता ने खंडपीठ को बताया कि पांच अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई और मामले को औपचारिक रूप से हैंड ओवर लिया गया. समय कम मिला. कई बिंदुओं पर जांच की गई है. सीएफएसएल से भी जांच कराई गई है, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है.
अनुसंधानकर्ता ने खंडपीठ को बताया कि घटना में प्रयुक्त ऑटो को एफएसएल रांची से जांच कराने के लिए भेजा गया है, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. मामले में दूसरे राज्यों से तार जुड़े होने के बिंदु पर अनुसंधानकर्ता ने खंडपीठ को बताया कि अब तक की जांच में यह बात सामने नहीं आई है. खंडपीठ ने सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए अनुसंधानकर्ता से पूछा कि विभिन्न बिंदुओं पर जांच की क्या प्रगति है. इस पर अनुसंधानकर्ता के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि मामले की जांच तेजी से और पारदर्शी तरीके से की जाये. किसी भी मामले में प्रोफेशनल तरीके से स्पीडी जांच जरूरी है, ताकि जांच निष्कर्ष पर पहुंच सके और आरोपी बरी नहीं हो सके. खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मामले की मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रत्येक सप्ताह सुनवाई होगी.
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20 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. उस दौरान सीबीआई को सीलबंद कवर में जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया. सीलबंद कवर कोर्ट में खुलेगा और कोर्ट में ही सील बंद हो जाएगा. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और सीबीआई की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पैरवी की.
उल्लेखनीय है कि धनबाद के जज उत्तम आनंद की सड़क दुर्घटना में मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. एसआईटी गठित कर मामले की जांच की जा रही थी. इसी बीच राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की. केंद्र की अनुमति मिलने के बाद सीबीआई ने मामले को हैंड ओवर लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि जांच का स्टेटस रिपोर्ट झारखंड हाईकोर्ट को सौंपे. हाईकोर्ट जांच की मॉनिटरिंग करता रहेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra