गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य में नये सिरे से गठित एंटी नार्को टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के चीफ सीआइडी आइजी असीम विक्रांत मिंज बनाये गये हैं. इसके पूर्व 22 जुलाई 2022 को एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. नये सिरे से गठित एएनटीएफ को कई शक्तियां भी प्रदान की गयी है. एएनटीएफ को केस अनुसंधान के दौरान अगर इस बात के साक्ष्य मिलते हैं कि किसी मादक पदार्थ की तस्करी से कारोबारी ने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है.
तब उसकी संपत्ति को जब्त करने की दिशा में कार्रवाई कर सकता है. वहीं दूसरी ओर एनडीपीएस एक्ट से जुड़े किसी केस, जिसका अनुसंधान पुलिस के द्वारा किया जा रहा है. उस केस को ट्रांसफर करने या खुद से अनुसंधान के लिए केस को टेकओवर करने की कार्रवाई एएनटीएफ कर सकता है.
टास्क फोर्स में सीआइडी डीआइजी, सीआइडी एसपी, दो डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, चार सब इंस्पेक्टर, 20 सशस्त्र बल को भी शामिल किया गया है. टास्क फोर्स समय- समय पर बड़े कारोबारियों के खिलाफ एसटीएफ, जिला पुलिस बल और रेल पुलिस के सहयोग से छापेमारी भी कर सकेगा. उल्लेखनीय है कि पूर्व में समीक्षा के दौरान यह बातें सामने आयी थी कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
युवा वर्ग विशेष रूप से इसकी चपेट में आकर नशा के दुष्परिणाम का शिकार हो रहे हैं. हाल में दिल्ली में आयोजित सभी राज्यों में एएनटीएफ के अधिकारियों की बैठक हुई थी. झारखंड में एएनटीएफ का प्रमुख काम होगा अफीम, गांजा और दूसरे मादक पदार्थ की रूट के बारे जानकारी एकत्र कर बड़ी कार्रवाई करना. इसके लिए ओड़िशा से झारखंड व यहां से बिहार- बंगाल का रूट टारगेट में रखा गया है.