Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल पांच लोगों के ठिकानों पर बुधवार की सुबह सात बजे छापा मारा, जो देर रात खत्म हो गयी. इनमें तीन रांची और दो जमशेदपुर के रहनेवाले हैं. छापामारी के दायरे में शामिल ठेकेदार बिपिन सिंह को पूर्व डीसी छवि रंजन का करीबी और जमीन के दस्तावेज में जालसाजी करनेवालों के सरगना के रूप में चिह्नित किया है. वह छापामारी से कई दिनों पहले रांची से फरार हो चुका था. उसके पारिवारिक सदस्य छापामारी से एक दिन पहले मोरहाबादी स्थित किराये का फ्लैट छोड़ कर चले गये. इडी के निर्देश पर बिपिन सिंह ईडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में हाजिर हुआ. ईडी ने छापामारी के दायरे में शामिल लोगों का बयान दर्ज किया. छापामारी के दौरान जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज और हिसाब-किताब आदि जब्त किये गये हैं. ईडी की छापेमारी में जमशेदपुर के ठिकानों से 40 लाख रुपये नकद जब्त किये गये हैं, वहीं 50 से अधिक बैंक खातों के दस्तावेज भी मिले हैं. इन सभी खातों के संचालन पर रोक लगा दी गयी है.
दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की हुई खरीद-बिक्री
ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के तीसरे चरण में जिन पांच लोगों के ठिकानों पर छापा मारा. उसमें मोरहाबादी के सत्येंदु अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 204 में किराये पर रहनेवाले ठेकेदार बिपिन सिंह. होटवार गाड़ी गांव निवासी जमीन कारोबारी शेखर कुशवाहा , कोकर बैंक कॉलोनी निवासी जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय और हेहल अंचल के मौजा बजरा की जमीन खरीदनेवाले जमशेदपुर निवासी रवि भाटिया और श्याम सिंह का नाम शामिल है. छापामारी के पहले ही बिपिन सिंह रांची से भाग कर नोएडा चला गया था. वहीं, परिवार के सभी सदस्य मंगलवार की रात कहीं चले गये. इडी ने फ्लैट के मालिक को बुला कर जांच के लिए फ्लैट को सील कर दिया. इसके बाद पड़ोसियों के सहयोग से बिपिन के फोन पर उससे संपर्क किया और दिल्ली स्थित कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया. इस निर्देश के आलोक में वह बुधवार को दिन के करीब 11 बजे इडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में हाजिर हुआ.
बिपिन सिंह को बताया सरगना
सेना की जमीन खरीद-बिक्री मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बिपिन सिंह को पूरे मामले का सरगना बताया. गिरफ्तार लोगों ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की कला बिपिन सिंह से ही सीखने की बात स्वीकार की है. रांची के गाड़ीगांव निवासी शेखर कुशवाहा और कोकर निवासी प्रियरंजन सहाय का संबंध भी दस्तावेज में जालसाजी कर उसकी खरीद बिक्री करने से है. शेखर भी पहले बिपिन के साथ ही जमीन का कारोबार करता था. बाद में विवाद होने पर वह अलग हो गया. रवि भाटिया और श्याम सिंह ने हेहल अंचल के मौजा बजरा की 7.16 एकड़ जमीन आधी से कम कीमत पर खरीदी थी. सर्किल रेट पर जमीन की कीमत 29.88 करोड़ रुपये है. लेकिन जमीन सिर्फ 15.10 करोड़ रुपये में खरीदी गयी. जांच के दौरान यह पाया गया कि रवि सिंह या श्याम सिंह में से किसी भी हैसियत इतनी नहीं है कि वे लोग 15 करोड़ रुपये खर्च कर कोई संपत्ति खरीद सके. इडी को जमीन की इस खरीद बिक्री के मामले में कुछ बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका है. इस जमीन की खरीद बिक्री भी दस्तावेज में जालसाजी कर की गयी थी. रांची के तत्कालीन उपायुक्त छविरंजन ने अंचल अधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता की अदालत द्वारा विनोद सिंह का म्यूटेशन केस रद्द किये जाने के बाद म्यूटेशन करने का आदेश दिया था. साथ ही 150 पुलिस जवानों को तैनात कर जमीन की घेराबंदी करवा दी थी.
जिनके ठिकानों पर छापा पड़ा
– शेखर कुशवाहा : गाड़ीगांव, होटवार रांची
– रवि सिंह भाटिया : बरगोनिया टावर, कांट्रेक्टर एरिया, बिष्टुपुर, जमशेदपुर
– प्रियरंजन सहाय : बैंक कॉलोनी, कोकर, रांची
– श्याम सिंह : 101,गोशाला, नाला रोड, जुगसलाई जैन मंदिर के पास, जमशेदपुर
– बिपिन सिंह : सत्येंदु अपार्टमेंट, रांची
जमीन की खरीद बिक्री का ब्योरा ( मूल्य करोड़ रुपये में)
दस्तावेज संख्या : बिक्री हुई : बिक्रेता : क्रेता : कागजी मूल्य
2157 : मार्च 2021 : विनोद सिंह : रवि सिंह भाटिया : 2.67
2163 : मार्च 2021: विनोद सिंह : श्याम सिंह : 4.51
2245 : मार्च 2021: विनोद सिंह : श्याम सिंह : 3.96
2248 : मार्च 2021: विनोद सिंह : रवि भाटिया : 3.94