रांची : झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumer) को कोरोना काल यानी अप्रैल से लेकर सितंबर तक के लिए डीले पेमेंट सरचार्ज (DPS) में छूट दी गयी है. वहीं औद्योगिक उपभोक्ताओं (Industrial Consumer) को लॉकडाउन (Lockdown) अवधि अप्रैल, मई व जून के फिक्स्ड चार्ज में छूट मिली है. सोमवार को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (Jharkhand State Electricity Department) ने आदेश दिया. आदेश में वितरक कंपनियों को होनेवाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए, उन पर छोड़ा गया है कि वे इस व्यय को अगले परफॉरमेंस रेवेन्यू में शामिल करेंगे या नहीं.
फाइन नहीं लेंगी बिजली कंपनियां : आयोग ने कहा है कि तीन माह का बिल नहीं देनेवाले उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का फाइन भी बिजली वितरण कंपनी नहीं लेगी. यह आदेश काॅमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के लिए दिया गया है. सोमवार को आयोग की ओर से इस मुद्दे पर वर्चुअल सुनवाई की गयी और बाद में लिखित आदेश जारी किया गया. विद्युत नियामक आयोग के सदस्य तकनीक आरएन सिंह ने बताया कि सरकार ने डीपीएस माफ करने की अनुशंसा की थी. जिस पर आयोग ने स्वत:संज्ञान लिया और सुनवाई की. अप्रैल, मई और जून में उपभोक्ताओं को बिल भी नहीं मिले थे, जिस कारण उपभोक्ता दुविधा में थे.
यही कारण है कि सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को सितंबर तक डीपीएस में छूट दी गयी है. यानी लॉकडाउन अवधि से लेकर सितंबर तक का डीले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) उपभोक्ताओं से नहीं लिया जायेगा. श्री सिंह ने बताया कि आदेश में ट्रांसमिशन और उत्पादन कंपनियां जो डीपीएस वितरण कंपनियों से लेती है, उसे भी नहीं लेने का निर्देश दिया गया है.जो कुछ नुकसान होगा, उसकी भरपाई अगली टैरिफ में की जा सकती है. उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों को कोरोना काल में ही छूट दी गयी थी, पर उपभोक्ताओं तक इसका लाभ नहीं मिल सका था. यही वजह है कि सितंबर तक डीपीएस में छूट दी गयी है.
अगले बिलों में किया जायेगा एडजस्ट : फिक्स्ड चार्जेस में रियायत एक अप्रैल से 30 जून तक दी गयी है. वहीं डीले पेमेंट सरचार्ज में सितंबर तक की छूट दी गयी है. ऐसे में जिन उपभोक्ताओं ने इस दौरान फिक्स्ड चार्जेस या डीले पेमेंट सरचार्ज भुगतान किया है. उनके बिल का एडजस्टमेंट वितरक कंपनी की ओर से किया जायेगा. जिसके तहत बिल में कटौती करते हुए एडजस्टमेंट किया जा सकता है.
ऊर्जा सचिव ने छूट देने का आग्रह किया था : फिक्स्ड चार्जेस में छूट के लिए ऊर्जा सचिव एल ख्यांग्ते ने 16 अगस्त को आयोग को पत्र लिखा. 24 अगस्त को प्रधान सचिव सह जेबीवीएनएल एमडी राजीव अरुण एक्का ने नियामक आयोग को पत्र लिखा. जिसमें मार्च, अप्रैल, मई व जून तक फिक्स्ड चार्जेज में छूट की मांग की गयी. रियायत का एडजस्टमेंट 2020-21 के टैरिफ में करने कहा गया था. आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की और सोमवार को फैसला दिया.
Post by : Pritish Sahay