रांची : झारखंड के इतिहास में पहली बार सरना धर्म कोड को लेकर 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. हेमंत सोरेन सरकार ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर गंभीरता दिखायी है. झारखंड के आदिवासियों की प्रमुख मांगों में से ये महत्वपूर्ण मांग है. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर कहा है कि सरना धर्म कोड से आदिवासियों को नयी पहचान मिलेगी.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि झारखंड में सरना धर्म कोड को लेकर 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. सरना धर्म कोड आ जाने से आदिवासियों को एक नई पहचान मिलेगी, जो कि आदिवासियों के विकास में सहायक होगा.
प्रदेश में सरना धर्म कोड को लेकर 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है .
सरना धर्म कोड आदिवासियों की काफी पुरानी मांगो में से एक है। सरना धर्म कोड आ जाने से आदिवासियों को एक नई पहचान मिलेगी जो कि आदिवासियों के विकास में सहायक होगा।
— Rabindra Nath Mahato। Speaker – Jharkhand Assembly (@Rabindranathji) November 5, 2020
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सरना धर्म कोड पर चर्चा के लिए 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. झारखंड के इतिहास में पहली बार आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित करने को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा. सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष की सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार सरना धर्म कोड का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी.
पिछले दिनों दुमका उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि सरना धर्म कोड को लेकर जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र जल्द बुलाया जायेगा. 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया गया है. आपको बता दें कि दुमका-बेरमो उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आना है. आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर एक दिन बाद विशेष सत्र बुलाया गया है.
झारखंड के आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मांग काफी पुरानी है. इसको लेकर समय-समय पर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अपनी आवाज उठायी है. आदिवासी संगठन इस मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर पहल की है.
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Posted By : Guru Swarup Mishra