Jharkhand News: ‘प्रभात खबर’ के 19 मई के अंक में छपी खबर ‘गरीबी का दंश और जंजीरों में कैद बचपन’ पर झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर ने संज्ञान लिया. उनके आदेश पर डालसा सचिव राकेश रंजन ने एक टीम गठित की, जिसने हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहनेवाली 11 साल की बच्ची का इलाज कराया. बच्ची को इलाज के बाद उसके घर पहुंचाने आयी टीम ने उसकी मां को एक महीने की दवा और अन्य सहायता उपलब्ध करायी. साथ ही आश्वासन दिया है कि डालसा हर महीने उस बच्ची का ध्यान रखेगी और उसे दवा दिलायेगी.
झालसा ने लिया संज्ञान
रांची के हरमू हाउसिंग कॉलोनी इलाके में मानसिक रूप से बीमार 11 वर्षीय बच्ची को अमानवीय तरीके से जंजीर में जकड़ कर रखा जा रहा था. पीड़िता की मां दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा करके अपनी जीविका चलाती है. पैसे की कमी से वह बेटी का इलाज नहीं करा पा रही थी़ प्रभात खबर के माध्यम से इस बच्ची का दर्द लोगों के सामने आया. तब झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष ने खबर पर संज्ञान लेते न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची को पीड़ित बच्ची को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया. इसके आलोक में डालसा सचिव ने एक टीम गठित कर पीड़िता के घर भेजा और उसे हर संभव मदद पहुंचाने को कहा. टीम की पीएलवी ज्योत्सना गोराई और पिंकू कुमारी ने पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की.
बच्ची का मुफ्त इलाज करने को तैयार : डॉ अशोक प्रसाद
वहीं, मनोचिकित्सक डॉ अशोक प्रसाद ने हरमू हाउसिंग कॉलोनी की बीमार बच्ची का मुफ्त इलाज करने का आश्वासन दिया है. ‘प्रभात खबर’ कार्यालय में फाेन कर उन्होंने कहा कि परिजन अगर बच्ची का इलाज कराना चाहते हैं, तो मेरे बरियातू स्थित क्लिनिक लायें. इसके अलावा बच्ची को दवा भी उपलब्ध करायेंगे.