झारखंड में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के ससुर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) अपने पति की विरासत यानी झारखंड की सत्ता की बागडोर संभालने में सक्षम है. हेमंत सोरेन के ससुर कैप्टन अम्पा मुर्मू (Captain Ampa Murmu) ने यह भी उम्मीद जतायी कि उनके दामाद सभी आरोपों से मुक्त हो जायेंगे.
कैप्टन अम्पा मुर्मू ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उनके दामाद झारखंड के ‘लोकप्रिय मुख्यमंत्री’ हैं. सभी आरोपों से मुक्त हो जायेंगे. बता दें कि कैप्टन अम्पा मुर्मू झारखंड के पड़ोसी राज्य ओड़िशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिला के रायरंगपुर के रहने वाले हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी वहीं की रहने वाली हैं.
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सेना के पूर्व कैप्टन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर उनकी बेटी कल्पना अपने पति से राजनीति की बागडोर थामने और उसे स्वतंत्र रूप से संभालने में सक्षम है. पद्मश्री से सम्मानित संथाली लेखिका दमयंती बेसरा ने भी जोर दिया कि द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन से लोगों का नजरिया बदला है. अब एक आदिवासी महिला के मुख्यमंत्री बनने पर स्वीकारोक्ति बढ़ेगी.
कैप्टन अम्पा मुर्मू ने कहा, ‘मेरे दामाद को विपक्षियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. राजनीति में यह सामान्य है. लेकिन वह लोकप्रिय हैं और गठबंधन के सहयोगी भी उनके साथ हैं. ऐसे में उनके आरोप मुक्त होने की संभावना ज्यादा है.’ कैप्टन मुर्मू को लगता है कि उनके दामाद अपने विशाल हृदय के कारण इस तकलीफ में फंसे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को माफ कर दिया और उनके खिलाफ सख्ती नहीं की.
उन्होंने कहा, ‘आज, उनकी उदार मानसिकता का लाभ उठाने वाले ही राजनीति में उन पर निशाना साध रहे हैं. (लेकिन) भगवान उनकी मदद करेगा.’ कैप्टन मुर्मू ने सुझाया कि हेमंत सोरेन को मौजूदा हालात से सीख लेनी चाहिए और उचित समय पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
उनकी बेटी कल्पना सोरेन को झारखंड की अगली मुख्यमंत्री बनाये जाने की अटकलों के संबंध में सवाल करने पर श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का हिस्सा रह चुके कैप्टन मुर्मू ने कहा, ‘मेरी बेटी पढ़ी-लिखी है. उसके पास एमटेक और एमबीए की डिग्री है. किसी भी बड़ी जिम्मेदारी को उठाने के लिए इससे ज्यादा क्या पात्रता चाहिए.’
कैप्टन मुर्मू ने बताया कि कल्पना का जन्म पंजाब के कपूरथला में वर्ष 1976 में हुआ था, जब वह स्थानीय सेना बेस में तैनात थे. उन्होंने बताया कि कल्पना नाम, कपूरथला से मिलता-जुलता रखा गया था. उन्होंने कहा, ‘वह एक मुख्यमंत्री की पत्नी है और देश के सबसे सम्मानित आदिवासी नेता की बहू है. वह एक राजनीतिक परिवार की बहू है.’
कल्पना का विवाह 7 फरवरी, 2006 को हेमंत सोरेन से हुआ और उनके दो बच्चे हैं. उनका परिवार राजनीति के अलावा समाजसेवा से भी जुड़ा है. कैप्टन मुर्मू ने कहा, ‘(राजनीति की) उसकी समझ अन्य लोगों से अलग है. पत्नी होने के नाते संकट के समय वह हेमंत सोरेन को दिशा दिखाती है.’
लेखिका दमयंती बेसरा ने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन से लोगों के नजरिए में बदलाव आया है. अगर कल्पना मुख्यमंत्री बनती हैं, तो इसकी और पुष्टि हो जायेगी कि ओड़िशा के पिछड़े मयूरभंज जिले की महिलाएं भी प्रतिभाशाली हैं.’ कल्पना सोरेन मयूरभंज जिले के बहल्दा ब्लॉक के तेनताला की रहने वाली हैं.
बता दें कि कल्पना सोरेन का परिवार आज भी मयूरभंज में ही रहता है. राजनीति से कल्पना सोरेन बहुत दूर रहती हैं. रांची में प्ले स्कूल चलाती हैं. वह पारिवारिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. परिवार के भीतर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. राजनीति से दूर रहने के बावजूद राजनीतिक घटनाक्रमों में उनकी काफी दिलचस्पी रहती है.
महिला विकास से जुड़े कार्यक्रमों में भी कल्पना सोरेन हिस्सा लेती हैं. हेमंत सोरेन दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, तो उनकी राजनीतिक यात्राओं में कल्पना काफी सक्रिय थीं. कल्पना से तब भी पत्रकारों ने पूछा था कि भविष्य में वह राजनीति में कदम रखेंगी, तो मुख्यमंत्री की पत्नी ने कहा था कि वह फिलहाल अपने परिवार की जिम्मेदारियां निभा रही हैं. इसी में खुश हैं.