रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता योगेंद्र साव की याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किये जाने के बाद इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी. मामला हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ पूर्व मंत्री के सत्याग्रह से जुड़ा है.
वर्ष 2016 में बड़कागांव इलाके में एनटीपीसी के लिए राज्य सरकार की ओर से किये गये भूमि अधिग्रहण के खिलाफ योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी ने सत्याग्रह आंदोलन किया था. इस आंदोलन के दौरान हिंसा हुई, जिसके बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. इसमें कई लोगों की जान चली गयी. इस मामले में पुलिस ने योगेंद्र साव को अभियुक्त बनाया था.
रांची के सिविल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. 18 गवाहों की सूची देने के बाद अभियोजन पक्ष ने अतिरिक्त गवाहों की सूची भी कोर्ट में सौंपी. ट्रायल कोर्ट ने इन अतिरिक्त गवाहों की सूची को भी स्वीकार कर लिया. इन गवाहों की सूची को कोर्ट की ओर से स्वीकार किये जाने की प्रक्रिया को योगेंद्र साव ने हाइकोर्ट में चुनौती दी.
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योगेंद्र साव ने हाइकोर्ट में कहा है कि अभियोजन पक्ष के द्वारा अतिरिक्त गवाह जोड़े जाने की प्रक्रिया को गलत बताते हुए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पूर्व मंत्री की इसी याचिका पर जस्टिस आनंदा सेन ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
एनटीपीसी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के खिलाफ योगेंद्र साव के नेतृत्व में कई बार आंदोलन हुए. श्री साव के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. फिलहाल योगेंद्र साव एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.
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Posted By : Mithilesh Jha