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झारखंड में तय कोटे से 31 फीसदी कम हैं IAS, 18 केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, प्रधान सचिव स्तर के 4 ही अफसर

झारखंड में आइएएस कैडर के 224 पद हैं, लेकिन राज्य में स्वीकृत बल के मुकाबले केवल 142 अधिकारी ही कार्यरत हैं. कुल पदों में से 122 पद वरीय आइएएस अधिकारियों के लिए चिह्नित हैं. स्वीकृत बल के अनुरूप अफसर होने पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आइएएस की अधिकतम संख्या 48 निर्धारित की गयी है.

रांची: झारखंड में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अफसरों की कमी हो गयी है. भू-राजस्व सचिव केके सोन और वाणिज्यकर सचिव आराधना पटनायक के बाद खाद्य आपूर्ति सचिव हिमानी पांडेय को भी राज्य सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए विमुक्त कर दिया है. इस तरह राज्य के कुल 18 वरीय आइएएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये हैं. अब राज्य में प्रधान सचिव स्तर के केवल चार अफसर (वंदना डाडेल, अजय कुमार सिंह, डॉ नितिन मदन कुलकर्णी व राजीव अरुण एक्का) ही बचे हैं. इनमें से भी अजय कुमार सिंह ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का आवेदन दे रखा है. राज्य को महत्वपूर्ण पदों के लिए वरीय अधिकारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. महत्वपूर्ण विभाग प्रभार पर चल रहे हैं. कई अधिकारियों पर दो से तीन विभागों की जिम्मेवारी है.

224 पदों के विरुद्ध 142 ही कार्यरत

झारखंड में आइएएस कैडर के 224 पद हैं, लेकिन राज्य में स्वीकृत बल के मुकाबले केवल 142 अधिकारी ही कार्यरत हैं. कुल पदों में से 122 पद वरीय आइएएस अधिकारियों के लिए चिह्नित हैं. स्वीकृत बल के अनुरूप अफसर होने पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आइएएस की अधिकतम संख्या 48 निर्धारित की गयी है. वहीं, राज्य में तय कोटे से 31 प्रतिशत आइएएस अफसर कम हैं. बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में वरीय अधिकारियों को भारत सरकार में पदस्थापित किया गया है.

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पीएम को पत्र लिख मुख्यमंत्री जता चुके हैं विरोध

अफसरों की कमी के कारण विभागों में सचिव स्तर के पद भी रिक्त पड़े हुए हैं. ऐसे में राज्य सरकार के विभिन्न विभाग प्रभार पर चल रहे हैं. सचिवों पर एक से अधिक विभागों का प्रभार है. इतनी बड़ी संख्या में पहले कभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर झारखंड कैडर के आइएएस अफसर नहीं रहे हैं. राज्य सरकार आइएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर आइएएस (कैडर) रूल्स, 1954 में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध कर चुकी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर अखिल भारतीय सेवा से जुड़े अधिकारियों को बिना राज्यों की सहमति और एनओसी लिए पदस्थापित करने का विरोध किया था.

भू-राजस्व व वाणिज्य कर विभाग में नहीं मिला वेतन

आइएएस अधिकारियों के नहीं होने से राज्य सरकार के कर्मियों को वेतन के भी लाले पड़ रहे हैं. भू-राजस्व सचिव केके सोन व वाणिज्य कर सचिव अराधना पटनायक को मार्च के तीसरे सप्ताह में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए विमुक्त कर दिया गया था. उसके बाद से इन दोनों विभागों में सचिव के पद रिक्त हैं. सचिव भी डीडीओ होते हैं. ऐसे में दोनों विभागों के कर्मियों का वेतन भी जारी नहीं किया जा सका है.

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये झारखंड के अफसर

झारखंड कैडर के अभी 18 आइएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इनमें एनएन सिन्हा, आइएस चतुर्वेदी, अलका तिवारी, एमएस भाटिया, एसकेजी रहाटे, शैलेश कुमार सिंह, निधि खरे, सुरेंद्र सिंह मीणा, सत्येंद्र सिंह, सुनील वर्णवाल, हर्ष मंगला, राय महिमापत रे, शांतनु अग्रहरि, राहुल शर्मा, ए मुत्थुकुमार, केके सोन, आराधना पटनायक व हिमानी पांडेय शामिल हैं.

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