बुंडू (रांची), आनंद राम महतो. बुंडू अनुमंडल सहित पूरे पंच परगना क्षेत्र में पिछले दो दशक से धड़ल्ले से हो रहे बालू के अवैध उठाव से कांची नदी, रायसा नदी, करकारी नदी और राढ़उ नदी का अस्तित्व संकट में आ गया है. प्रतिदिन छोटे-बड़े ट्रैक्टर, टर्बो और हाइवा से रात के अंधेरे में हो रही बालू की ढुलाई से पेयजल संकट हो गया है और नदी का स्वरूप बदल गया है. दर्जनों घाटों से पिछले 22 वर्षों से हो रही बालू की निकासी से नदी का स्वरूप बदलकर सुतिया नाला के रूप में तब्दील होता जा रहा है. नदी की गहराई 10 से 12 फीट नीचे चली गई है. इस कारण नदी किनारे के दर्जनों गांवों में पेयजल संकट बढ़ गया है.
रांची-जमशेदपुर में बालू की अवैध बिक्री
कुएं-पोखरे और छोटे-छोटे तालाब गर्मी की शुरुआत में ही सूख जाते हैं. पुराने चापानल भी बेकार साबित हो रहे हैं. कांची नदी के किनारे बुंडू व सोनाहातु प्रखंड के गांव से बालू का उठाव कर बालू माफिया राजधानी रांची में बालू की बिक्री करते हैं. तमाड़ किनारे कांची नदी से बालू का उठाव कर जमशेदपुर में बिक्री की जाती है. इसके अलावा राढूं नदी राहे और सिल्ली प्रखंड के 1 दर्जन से अधिक गांव के किनारे से बालू का उठाव कर सिल्ली होते हुए रांची-पुरुलिया रोड से राजधानी रांची बालू ले जाया जाता है. बालू के अवैध कारोबार में गांव के प्रधान, मुखिया, वार्ड सदस्य से लेकर पुलिस प्रशासन और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत रहती है. इस धंधे में नेताओं का भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संरक्षण होता है.
प्रशासन की नहीं मिलती मदद
ग्रामीण दबी जुबान में कहते हैं कि विरोध करने के बावजूद प्रशासन की मदद नहीं मिलती है. रात के अंधेरे में बालू चोरी कर अवैध कारोबारियों से लड़ना एक चुनौती है. इस मुद्दे पर कोई राजनीतिक पार्टी भी आगे नहीं आती है. कई वर्षों से बिना टेंडर के ही बालू का अवैध उठाव रात के अंधेरे में लगातार जारी है. दशम फॉल थाना क्षेत्र के आराडीह, चुरगी बुंडू थाना क्षेत्र के करबू, कांची, हट कांची, तुजू, एड़कियां सुमनडीह, श्रुतिलॉन्ग बूढ़ाडीह और हिट बूढ़ाडीह तमाड़ प्रखंड के बदला, बमलाडी, जामडी हाराडीह के अलावा सोनाहातू राहे प्रखंड के दर्जनों बालू घाट से बालू का उठाव होता है.
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