Jharkhand News (रांची) : झारखंड के बोकारो जिला में एक कोयला खदान के आवंटन में हुई अनियमितता के मामले में CBI की नई दिल्ली स्थित स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को 5 आरोपियों को दोषी ठहराया है. इन चार आरोपियों में डोमको प्राइवेट लिमिटेड रांची के एमडी विनय प्रकाश, प्रोजेक्ट के तत्कालीन निदेशक बसंत दिवाकर मांजरेकर व परमानंद मंडल एवं सीएम संजय खंडेवाल का नाम शामिल है. बता दें कि विनय प्रकाश रांची स्थित होटल ली लैक के मालिक भी हैं.
CBI की स्पेशल कोर्ट इन आरोपियों के साथ-साथ मेसर्स डोमको प्रोजेक्ट को भी दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने 15 सितंबर की तिथि निर्धारित की है. विनय प्रकाश के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप में रांची स्थित प्रवर्तन निदेशालय में भी इस सिललिसे में एक प्राथमिकी दर्ज है. इडी की प्राथमिकी में विनय प्रकाश की पत्नी भी अभियुक्त हैं.
झारखंड के वेस्ट बोकारो कोलफील्ड स्थित लालगढ़ (नॉर्थ) कोल ब्लॉक का आवंटन अपने नाम करवाने के लिए अनियमितता हुई. कैप्टिव ब्लॉक के लिए आवेदन करने वाले डोमको प्राइवेट लिमिटेड रांची के तत्कालीन एमडी विनय प्रकाश ने खदान आवंटन के बाद 7 करोड़ रुपये का जबर्दस्त मुनाफा कमाया था. मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड, रांची को कोयला खदान आवंटित होने के बाद विनय प्रकाश ने ऊंची कीमत पर कंपनी को अपने शेयर बेचे थे.
इसी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने डोमको प्राइवेट लिमिटेड के विनय प्रकाश, रीता प्रकाश समेत दो अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इस पर ED ने आरोप लगाया था कि आरोपी विनय प्रकाश ने 7 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. वहीं, ED ने कंपनी की 6 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी.
इधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने इस संबंध में मेसर्स डोमको प्राइवेट लिमिटेड और इसके मालिकों एवं निदेशकों के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी. बता दें कि वर्ष 1993 से 2005 के बीच कोल ब्लॉक आवंटन मामले में गड़बड़ियों को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर CBI ने कोर्ट में चार्जशीट फाइल की थी.
Posted By : Samir Ranjan.