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International Girl Child Day 2022: बाल विवाह में अव्वल है झारखंड, देखें जिलावार आंकड़ा

आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की 10वीं वर्षगांठ मनाया जा रहा. यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लिंग-आधारित चुनौतियों को समाप्त करता है. जिसका सामना दुनिया भर में लड़कियां करती हैं, जिसमें बाल विवाह, उनके प्रति भेदभाव और हिंसा शामिल है. बाल विवाह के मामले में झारखंड देश में पहले नंबर पर आ गया है.

International Girl Child Day 2022: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इन पिछले 10 वर्षों में, सरकारों, नीति निर्माताओं और आमजनता के बीच लड़कियों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अधिक ध्यान दिया गया है. साथ ही लड़कियों को अपनी बात कहने के अधिक अवसर मिले हैं. लेकिन अभी और बहुत कुछ करने जरूरत है. वहीं, बाल विवाह के मामले में झारखंड देश में पहले नंबर पर आ गया है. बाल विवाह का राष्ट्रीय औसत 1.9 फीसदी है, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 5.8 फीसदी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के डेमोग्राफिक सैंपल सर्वे में ये तथ्य सामने आये हैं. इसके अलावा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस)-5 के सर्वे में भी इसकी पुष्टि हुई है.

ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं 7.3 फीसदी बाल विवाह

डेमोग्राफिक सैंपल सर्वे के अनुसार केरल में 18 साल से कम उम्र की बेटियों की शादी नहीं होती, जबकि झारखंड में 5.8 फीसदी लड़कियों की शादी अवयस्क रहने पर ही कर दी जाती है. झारखंड में ग्रामीण क्षेत्रों में 7.3 फीसदी बाल विवाह होते हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा तीन फीसदी है. यह सर्वेक्षण वर्ष 2020 में कराया गया था. एक सप्ताह पहले यह रिपोर्ट भारत के महानिदेशक (जनगणना) और जनगणना आयुक्त ने जारी की. पश्चिम बंगाल ने बाल विवाह के मामले में झारखंड को भी पीछे छोड़ दिया है. झारखंड में 54.6 फीसदी बेटियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है, जबकि बंगाल में यह आंकड़ा 54.9 फीसदी है.

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पुरुषों के मुकाबले शिक्षा दर नीचे, कम उम्र में बन रहीं मां

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट 2020-21 में झारखंड के कई आंकड़े चौंकानेवाले हैं. इसमें झारखंड में महिला साक्षरता दर 61.7% बतायी गयी है. शहरी इलाकों में महिला साक्षरता दर 80.1%, जबकि ग्रामीण इलाकों में 55.6% है. हालांकि साक्षरता की स्थिति में पुरुषों की स्थिति महिलाओं से काफी बेहतर है. एनएचएफएस-5 के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में 18 वर्ष से कम आयुवाली यह 32.2% किशोरियों का विवाह हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 36.1% और शहरी क्षेत्रों में 19.4% है. 15 वर्ष से 19 आयु वर्ग की 9.8 फीसदी किशोरियां समय से पहले झारखंड में मां बन रही हैं. गांवों में यह आंकड़ा 11.2%, जबकि शहरों में 5.2% है.

सर्वे में 84 लाख लोगों का लिया गया था सैंपल

  • सर्वे में देश भर से करीब 84 लाख लोगों का लिया गया था सैंपल

  • सर्वे में फर्टिलिटी रेशियो और मृत्यु दर को भी किया गया शामिल

बाल विवाह का जिलावार आंकड़ा एनएचएफएस-5 (2020- 21) 

  • जामताड़ा- 50.5 प्रतिशत

  • देवघर- 49.2 प्रतिशत

  • गोड्डा- 48.5 प्रतिशत

  • गिरिडीह- 45.6 प्रतिशत

  • पाकुड़- 43.4 प्रतिशत

  • दुमका- 43.1 प्रतिशत

  • कोडरमा- 42.5 प्रतिशत

  • साहिबगंज- 39.9 प्रतिशत

  • हजारीबाग- 38.6 प्रतिशत

  • पलामू- 35.4 प्रतिशत

  • लातेहार- 32.2 प्रतिशत

  • चतरा- 31.7 प्रतिशत

  • गढ़वा- 31.3 प्रतिशत

  • धनबाद- 28.3 प्रतिशत

  • बोकारो- 26.3 प्रतिशत

  • रामगढ़- 25. 1 प्रतिशत

  • प सिंहभूम- 24.4 प्रतिशत

  • लोहरदगा- 21. 9 प्रतिशत

  • खूंटी- 21. 7 प्रतिशत

  • गुमला- 20.9 प्रतिशत

  • रांची- 20.9 प्रतिशत

  • पू सिंहभूम- 19.8 प्रतिशत

  • सरायकेला- 19.2 प्रतिशत

  • सिमडेगा- 15.9 प्रतिशत

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