Jagannath Rath Yatra 2021, रांची न्यूज : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज रथयात्रा के अवसर पर रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे. मुख्य मंदिर का पट बंद रहने के कारण बाहर द्वार से ही शीश झुका कर भगवान से प्रार्थना की. मौके पर मंदिर के पुजारी ने गर्भगृह के बाहर ही विधि-विधान से पूजा संपन्न कराई. सीएम ने भगवान जगन्नाथ से राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की और कोरोना के कारण रथयात्रा की अनुमति नहीं दिये जाने को लेकर क्षमा मांगी.
झारखंड सरकार के निर्देश के तहत मंदिरों का पट आम लोगों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इसी कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रांची के धुर्वा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की तथा राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की भगवान जगन्नाथ से कामना की. मुख्यमंत्री ने कोरोना के कारण सरकार द्वारा रथयात्रा की अनुमति नहीं दिये जाने को लेकर भगवान जगन्नाथ से क्षमा भी मांगी.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आज का दिन रथयात्रा का दिन है. परंपरा के अनुसार हम सभी लोग रथयात्रा को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते रहे हैं. आज के दिन भगवान जगन्नाथ के मंदिर परिसर में काफी चहल-पहल हुआ करती थी, जिसके गवाह हम सभी लोग हैं. दुर्भाग्य है कि पिछले वर्ष तथा इस वर्ष भी वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने को लेकर रथयात्रा नहीं निकल पा रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारा राज्य एवं देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा है. इस महामारी में न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है. कोरोना महामारी से कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है. कई बच्चों से उनके माता-पिता का साया उठ गया है. आज भी कोरोना संक्रमण हमारे इर्द-गिर्द मंडरा रहा है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना संक्रमण का ध्यान रखते हुए इस बार भी भारी मन से रथयात्रा नहीं निकाल पाने का निर्णय राज्य सरकार को लेना पड़ा है. आप सभी भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था रखते हुए अपने-अपने घरों पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना तथा आराधना करें. मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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आपको बता दें कि मौसीबाड़ी में हर दिन भगवान की नित्य पूजा-अर्चना होगी. लगातार दूसरे वर्ष प्रभु के यहां नहीं आने से मौसीबाड़ी के लोग उदास हैं. उनका कहना है कि प्रभु के आने के बाद नौ दिनों तक उत्सव सा माहौल रहता था, लेकिन कोरोना के कारण सब कुछ फीका हो गया है. अगले साल प्रभु के मौसी घर आने का इंतजार रहेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra