Jharkhand Budget 2023: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सरकार की ओर से पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2022-23 का तृतीय अनुपूरक बजट (4546.27 करोड़) ध्वनिमत से पारित हो गया. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सरकार के उत्तर में कहा कि अब तक मूल बजट की 68.73 प्रतिशत राशि खर्च हो गयी. पिछले वर्ष इस समय सरकार की ओर से 51 से 52 प्रतिशत ही राशि खर्च हुई थी. सरकार आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो, हर वर्ष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनुपूरक बजट लाती है. सरकार की ओर से चल रहे काम को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट जरूरी है. भारत सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं के मद में राशि निर्गत की गयी है. इसको भी धरातल पर उतारने के लिए सरकार को अलग से राशि की जरूरत पड़ रही है. सरकार रिसोर्स बढ़ा कर आगे बढ़ने की सोच रही है.
कटौती प्रस्ताव पर चर्चा
अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि शुक्रवार को सरकार बजट ला रही है, जब झोली भर पैसा लाने जा रहे हैं, तो 15 दिनों के लिए कटोरा लेकर क्यों आयी है. उन्होंने कहा कि झामुमो व कांग्रेस धर्म के नाम पर वोट व पैसा मांग रही है, लेकिन एक भी वायदे पूरा नहीं किया. इसका विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आप भी धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं.
हेमंत ड्राइवर की सीट पर, कांग्रेस कंडक्टर, राजद खलासी : भानु प्रताप शाही
श्री शाही ने कहा कि यह सरकार औचित्यहीन, डरपोक, बेमेल गठजोड़ व बस की तरह चल रही है. मंत्री व विधायक को सरकार पर विश्वास नहीं है. ये सदन में साथ रहते हैं और बाहर सरकार के खिलाफ बोलते हैं. एक लिफाफा के डर से पूरी सरकार रायपुर चल जाती है. यह सरकार बस की तरह चल रही है. इसमें झामुमो के हेमंत सोरेन ड्राइवर, कांग्रेस कंडक्टर व राजद खलासी की भूमिका में है. इस सरकार में 60:40 के अनुपात में पैसा की वसूली हो रही है. कांग्रेस विधायक ने भी इसको लेकर अपनी बात कही है. 1932 के आधार पर स्थानीय नीति की बात करने वाले अब 60:40 के अनुपात में नियोजन नीति लाना चाह रहे हैं. पिछली सरकार ने तो 1985 का कट ऑफ डेट तय किया था. इस सरकार में यह 2023 हो जायेगा. अगर यह नीति लागू होती है, तो राज्य में फिर से आग लगेगी. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि झामुमो कांग्रेस का नामोनिशान मिटा देना चाहती है. भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार बार-बार केंद्र सरकार का सहयोग नहीं मिलने का रोना रोती है. परंतु हकीकत है कि केंद्र मिलनेवाली राशि खर्च ही नहीं कर पाती है. केंद्र सरकार ने दो वर्ष कर के मद में 623 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया है, यह राशि पूर्ववर्ती सरकार में केंद्र की ओर से दी गयी राशि से अधिक है. केंद्र सरकार ने टीएसी के मद में 135 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये हैं, परंतु इसमें से सिर्फ 13.11 करोड़ रुपये ही खर्च हो सका है. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस मद की एक भी राशि नहीं खर्च की है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में आदिवासियों बेटियों का धर्म परिवर्तन कर संताल परगना का डेमोग्राफी बदलने का काम हो रहा है.
विपक्ष के पास तो ड्राइवर भी नहीं, बोरो प्लेयर मंगाना पड़ा : प्रदीप यादव
इधर, विधायक प्रदीप यादव ने अनुपूरक बजट के समर्थन में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही की ओर से लगाये गये आरोप पर कहा कि आपके पास तो ड्राइवर भी नहीं है. बोरो प्लेयर मंगाना पड़ा. परंतु वह भी हां व ना की स्थिति में रहता है. हेमंत सरकार की बस दौड़ रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी विपरीत परिस्थियों में सरकार ने सरकार ने बेहतर काम किया है, इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं. उन्होंने सावित्री बाई फूलो योजना लाकर सरकार अच्छा कदम उठाया है. उन्होंने इस योजना के तहत बच्चियों की उम्र सीमा 19 से बढ़ा कर 21 वर्ष करने की मांग की. कहा कि झारखंड में बच्चियां देर से पढ़ाई शुरू करती हैं. उन्होंने देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम में बैजू के योगदान की चर्चा करते हुए उनकी प्रतिमा लगाने का आग्रह किया. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि बीबीसी की रिपोर्ट जारी होने के बाद कौन डरा यह बताने की जरूरत नहीं है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जैसे ही दिल्ली पहुंची कोरोना का खतरा बढ़ गया. उनके हिमाचल पहुंचते ही कोरोना खत्म हो गया. इससे पता चल रहा है कि कौन, किससे डर रहा है. उन्होंने केंद्र व भाजपा शासित राज्यों के हो रहे अपराध का आंकड़ा सदन के अंदर रखा. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को यहां के आदिवासियों की इतनी चिंता है, तो सरना धर्म कोड का मामला केंद्र सरकार से पास कराये. हेमंत सरकार ने सर्वजन पेंशन योजना, ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर लोगों को लाभ दिलाने का काम कर रही है. झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि सरकार कोरोना में बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. पिछले दो वर्षों में जहां दूसरे राज्यों में प्रति व्यक्ति आय घटी है, वहीं झारखंड में यह बढ़ी है. विधायक विनोद सिंह ने कहा कि राज्य गठन को 22 साल से अधिक समय हो गये है, लेकिन जैसा वित्तीय अनुशासन दिखना चाहिए, वैसा नहीं दिख रहा है. उन्होंने स्वीकृत योजनाओं की निविदा की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने की दिशा में काम करने का सुझाव दिया. झामुमो विधायक बैद्यनाथ राम ने भी अनुपूरक बजट के समर्थन में अपनी बात रखी.